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सात हजार मत्स्य पालकों को मिलेगा केसीसी का लाभ

संवाद सूत्र बांका किसानों को मछली उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार कई योजनाएं चलाई जा रही है। नई तकनीक से मछली पालन करने के लिए जिले के किसानों को प्रशिक्षण दे रही है। ताकि किसान बांका में भी नई तकनीक से मछली का उत्पादन कर सके।

By JagranEdited By: Published: Mon, 29 Nov 2021 09:37 PM (IST)Updated: Mon, 29 Nov 2021 09:37 PM (IST)
सात हजार मत्स्य पालकों को मिलेगा केसीसी का लाभ
सात हजार मत्स्य पालकों को मिलेगा केसीसी का लाभ

योजना

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- एक साल में जमा करने पर तीन फीसद ब्याज पर मिलेगा छूट

- नई तकनीक से मत्स्य पालन के लिए दिया जा रहा प्रशिक्षण

फोटो- 29 बीएएन 11

संवाद सूत्र, बांका : किसानों को मछली उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार कई योजनाएं चलाई जा रही है। नई तकनीक से मछली पालन करने के लिए जिले के किसानों को प्रशिक्षण दे रही है। ताकि किसान बांका में भी नई तकनीक से मछली का उत्पादन कर सके। मछली उत्पादक किसानों को आर्थिक रूप से मदद के लिए केसीसी योजना चलाई जा रही है। ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसका लाभ मिले इसके लिए प्रखंड स्तर पर विभाग की टीम द्वारा प्रोत्साहित किया जा रहा है।

जिला मत्स्य पदाधिकारी संजय कुमार किस्कु ने बताया कि मत्स्य पालन करने वाले किसानों को केसीसी योजना का लाभ दिया जा रहा है। मछली पालन में बीज से लेकर चारा तक किसानों को बाजार से खरीदना पड़ता है। ऐसे में किसानों को काफी परेशानी होती है। किसानों को आर्थिक रूप से मदद करने के लिए एवं मछली उत्पादन में किसी भी तरह की परेशानी न हो इसके लिए किसानों को केसीसी योजना का लाभ सात फीसद ब्याज पर दिया जा रहा है। यदि किसान एक साल में ब्याज सहित मूलधन वापस कर देते हैं तो सरकार द्वारा ब्याज पर तीन फीसद की अतिरिक्त छूट दी जाएगी।

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डेढ़ से पांच लाख का मिलेगा ऋण

जिले के मत्स्य पालकों को उनके उत्पादन के हिसाब से ऋण दिया जाएगा। भारतीय मेजर कार्प के लिए डेढ़ लाख रुपया प्रति हेक्टेयर, पंगेसियस फार्मिंग के लिए पांच लाख रुपया प्रति हेक्टेयर, उन्नत बीज उत्पादन के लिए दो लाख 80 हजार रुपया प्रति हेक्टेयर और कार्प हैचरी के लिए ढाई लाख रुपया प्रति यूनिट का केसीसी दिया जाएगा। किसानों को किसी भी तरह की परेशानी होने पर जिला मत्स्य कार्यालय से संपर्क कर सकते है।

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इन कागजातों के साथ जमा करें आवेदन

केसीसी का लाभ लेने के लिए किसानों को आधार कार्ड की छायाप्रति, बैंक पासबुक की छायाप्रति, एक पासपोर्ट साइज फोटो, जमीन का एलपीसी या रसीद और मतदाता पहचान पत्र के साथ जिला मुख्यालय में जमा कर सकते हैं। आवेदन भरने एवं जमा करने से संबंधित कठिनाई होने पर मत्स्य विशेषज्ञ से इस नंबर पर 9005227770 संपर्क कर सकते हैं।


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