2600 किसानों ने की 58 करोड़ के मुआवजे की मांग
बांका। जिले में इस बार खरीफ मौसम में पर्याप्त बारिश नहीं होने की वजह से पूरा क्षेत्र सुखाग्रस्त हो ग
बांका। जिले में इस बार खरीफ मौसम में पर्याप्त बारिश नहीं होने की वजह से पूरा क्षेत्र सुखाग्रस्त हो गया है। जिसको देखते हुए सरकार ने भी जिले को सुखाग्रस्त घोषित कर दिया है। इसके तहत किसानों को फसल के हुए नुकसान का महज दस फीसद ही मुआवजा दिया जाएगा। इसके लिए सुखाड़ से त्रस्त जिले के 2600 किसानों ने अब तक मुआवजे के लिए अपना ऑन लाइन आवेदन किया है। जिसके मुताबिक किसानों इन किसानों ने 58 करोड़ के मुआवजे की मांग कर चुके हैं। हालांकि, अब तक सुखाड़ से जूझ रहे लोगों की क्षतिपूर्ति के लिए मुआवजे की प्रक्रिया से संबंधित गाइड लाइन नहीं आने से विभाग में भी संशय बरकरार है।
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98 हजार हेक्टेयर में धान की खेती का था लक्ष्य :
इस बार कृषि विभाग ने जिले में 98 हजार हेक्टेयर भूमि में धान की खेती का लक्ष्य रखा था। जिसके विरूद्ध करीब 90 हजार हेक्टेयर में धान की बोआई की गई थी। लेकिन मानसून के आगाज के बाद मौसम की बेरूखी से यहां सुखाड़ की स्थिति उत्पन्न हो गई। जिसमें करीब छह सौ करोड़ के फसल बर्बाद होने का अनुमान लगाया जा रहा है। जिसका प्रभाव यहां रबी की खेती पर भी पड़ा है।
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22 की बैठक के बाद मुआवजे की प्रक्रिया से छंटेगा धुंध :
सुखाग्रस्त जिला घोषित होने के बाद भी यहां मुआवजे को लेकर धुंध बरकरार है। इसके लिए 22 नवंबर को पटना में जिला कृषि पदाधिकारी, प्रखंड कृषि पदाधिकारी, किसान समन्वयक, एटीएम आदि की विशेष बैठक आयोजित की गई है। इस बैठक के बाद ही मुआवजे की प्रक्रिया से धुंध हट सकेगा।
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कोट
सुखाग्रस्त जिला घोषित होने के साथ ही मुआवजे के लिए किसानों से ऑन लाइन आवेदन लिए जा रहे हैं। इसमें अब तक 2600 किसानों ने अपने आवेदन किए हैं। जिसके मुताबिक करीब 58 करोड़ के मुआवजे की मांग की गई है। पटना में होने वाले बैठक के बाद मिले निर्देश के आधार पर किसानों को मुआवजे की राशि का भुगतान किया जाएगा।
सुदामा महतो, डीएओ