बहादुरी संग हरियाली दिखा कमांडेंट ने जीता देश का दिल
फोटो-27 बीएएन 26 संवाद सूत्र, अमरपुर (बांका): अमरपुर के लाल ने अपने कर्तव्य निष्ठा एवं देशभक्ति से
फोटो-27 बीएएन 26
संवाद सूत्र, अमरपुर (बांका): अमरपुर के लाल ने अपने कर्तव्य निष्ठा एवं देशभक्ति से क्षेत्र का नाम रौशन कर दिया है। शहर के हटिया निवासी दिवाकर कुमार फिलवक्त बीएसएफ 169 बटालियन के कमांडेंट हैं। इन्हें गणतंत्र दिवस मौके पर राष्ट्रपति ने सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक से सम्मानित किया है। इससे उनके परिवार एवं अमरपुर के लोगों में खुशी का माहौल है।
परिवार के सदस्य आकाश भगत ने बताया कि दिवाकर ने 1993 के जुलाई में बीएसएफ के असिस्टेंट कमांडेंट में योगदान किया था। 26 जनवरी 2001 को गुजरात के भुज के विनाशकारी भूकंप में उन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना पीड़ितों की मदद की। उस समय वह डिप्टी कमांडेंट थे। उनके नेतृत्व में भुज एवं आसपास के इलाके में भूकंप पीड़ितों को बचाने का कई दिनों तक काम चला। इसमें भूकंप के 81 घंटे बाद आठ माह के एक बच्चे को अपनी जान पर खेलकर मकान के मलबा से निकालना था। एक पखवारे बाद एक वृद्ध दंपती को मलबा से निकालना भी शामिल है। 2002 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई ने उन्हें प्रधानमंत्री जीवन रक्षा पदक से सम्मानित किया था। उन्होंने बताया कि पौधारोपण, पर्यावरण की रक्षा तथा जैविक खाद की तैयारी में भी उनकी गहरी रुचि है। 2012 में कमांडेंट बनने के बाद उनकी पदस्थापना 140 बटालियन, बीएसएफ रायगंज में हुई। इसके बाद हर साल औसतन दस हजार फलदार पौधे खुद तैयार किया और विभिन्न जगहों पर लगवाया। मालदा से लेकर जालपाईगुड़ी तक सभी बीएसएफ कैंप, पुलिस एवं एसएसबी कैंप में इनके आम, लीची, नारियल, जामुन, सुपारी, नींबू, बांस आदि मौजूद हैं। त्रिपुरा, गुजरात में भी 20 हजार पौधा लगाया। बीएसएफ के डीआइजी, आइजी एवं डीजी ने इन्हें सम्मानित किया। दिवाकर कुमार की इस उपलब्धि पर नपं के मुख्य पार्षद अंजली कुमारी, अमरपुर शीला इण्डेन एजेंसी के प्रोपराइटर राजेश साहा ने खुशी जताई है।