बंजर जमीन की सूरत बदलेगा ड्रैगन फ्रूट, किसानों की बढ़ जायेगी आमदनी
ड्रैगन फ्रूट से बंजर जमीन की सूरत बदल जायेगी। किसानों को इसकी खेती से एक एकड़ में 30 से 40 हजार की आमदनी होगी। यह फ्रूट सुगर फ्री होने के साथ कई बीमारियों से भी बचाव करता है।
बांका [जेएनएन]। कृषि विभाग किसानों की आय में वृद्धि के लिए पारंपरिक खेती के साथ व्यावसायिक खेती को भी बढ़ावा देने में जुटा है। इसके तहत बांका के दक्षिणी हिस्से में बंजर पड़े 41 हजार हेक्टेयर भूमि में लेमन ग्रास के साथ ही ड्रैगन फ्रूट की खेती की योजना है। इसे सबौर कृषि विश्व विद्यालय व औषधीय एवं सुगंधित पौधा उत्पादन संघ के सहयोग से अमलीजामा पहनाने की कवायद शुरू कर दी गई है।
आम तौर पर थाइलैंड, वियतनाम, इजराइल व श्रीलंका में लोकप्रिय ड्रैगन फ्रूट की खेती अब भारत में भी होने लगी है। कम वर्षा वाले क्षेत्र इसकी खेती के लिए उपयुक्त हैं। अभी यूपी के कौसांबी में ड्रैगन फ्रूट की खेती हो रही है। बाजार में इसकी कीमत 100 से 200 रुपए किलो तक है। इसकी खेती सजावटी पौधे के रूप में उपयोग करने के साथ ही इसके फल प्राप्त करने के लिए भी होती है। इसके पौष्टिक फल से जैम, आइसक्रीम व जैली भी बनाए जाते हैं। सौंदर्य प्रशाधन के तौर पर भी इसका इस्तेमाल किया जाता है।
कम सिंचाई में अच्छी पैदावार
ड्रैगन फ्रूट की खेती में बहुत कम सिंचाई की जरूरत पड़ती है। कैक्टस फैमिली से संबद्ध होने वाले इस पौधे में पानी का अवशोषण कम होता है। इसलिए पहाड़ी व कम सिंचाई वाले इलाकों में भी यह लंबे समय तक फल देता रहता है। एक बार इस पौधे को लगा देने के बाद यह 35 से 40 साल तक फल देता रहता है। किसान एक एकड़ में इसकी खेती कर 30 से 40 हजार रुपए सालाना तक की आमदनी कर सकते हैं।
स्वास्थ्य के लिए भी है फायदेमंद
ड्रैगन फ्रूट पूरी तरह सुगर फ्री है। इस फल में मधुमेह व कैलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने की क्षमता है। यह हृदय रोग के लिए उत्तम आहार व अस्थामा से लडऩे में मदद करता है। इसके अलावा यह एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन, वसा, प्रोटीन व खनिज का अच्छा स्रोत है।
बोले अधिकारी
भागलपुर प्रमंडल के संयुक्त निदेशक (शस्य) शंकर कुमार चौधरी ने बताया कि बांका जिले में ड्रैगन फ्रूट की खेती की असीम संभावना है। खासकर यहां के पहाड़ी इलाकों में। इसके लिए जिला प्रशासन के साथ ड्रैगन फ्रूट की खेती की योजना तैयार की जा रही है। इसके लिए किसानों को प्रशिक्षण दिए जाने के साथ ही यूपी के कौसांबी में हो रही ड्रैगन फ्रूट की खेती का भी परिभ्रमण कराया जाएगा। ताकि वे इसकी खेती की तकनीकों को पूरी तरह जान कर उसे अमल में ला सकें।