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फाइलेरिया जीवनभर के लिए बना देता है दिव्यांग

संसू बांका आज दिव्यांग दिवस है। इस बार की थीम पूर्ण सहभागिता और समानता है। बहुत सारे लोग जन्मजात दिव्यांग होते हैं लेकिन कुछ लोग जन्म के बाद भी इसकी चपेट में आ जाते हैं। ऐसे लोगों में फाइलेरिया पीड़ित बड़ी संख्या में शामिल हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक फाइलेरिया दुनिया की दूसरे नंबर की ऐसी बीमारी है जो बड़े पैमाने पर लोगों को दिव्यांग बना रही है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 02 Dec 2021 10:19 PM (IST)Updated: Thu, 02 Dec 2021 10:19 PM (IST)
फाइलेरिया जीवनभर के लिए बना देता है दिव्यांग
फाइलेरिया जीवनभर के लिए बना देता है दिव्यांग

दिव्यांग दिवस पर विशेष

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-घर के आसपास गंदे पानी को जमा नहीं होने दें, मच्छरों से करें बचाव संसू, बांका : आज दिव्यांग दिवस है। इस बार की थीम पूर्ण सहभागिता और समानता है। बहुत सारे लोग जन्मजात दिव्यांग होते हैं, लेकिन कुछ लोग जन्म के बाद भी इसकी चपेट में आ जाते हैं। ऐसे लोगों में फाइलेरिया पीड़ित बड़ी संख्या में शामिल हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक फाइलेरिया दुनिया की दूसरे नंबर की ऐसी बीमारी है जो बड़े पैमाने पर लोगों को दिव्यांग बना रही है।

फाइलेरिया होने से लोग न सिर्फ आर्थिक और शारीरिक रूप से, बल्कि मानसिक तौर पर भी परेशान होते हैं। इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह कितनी खतरनाक बीमारी है। ऐसे में लोगों को खुद को और अपने परिजनों को मच्छरों से बचाना होगा। डीएमओ डा. बीरेंद्र कुमार यादव ने बताया कि फाइलेरिया एक खतरनाक बीमारी है। यह बीमारी संक्रमित होती है और यह गंदे पानी में बैठने वाले मच्छरों के काटने से होती है। और फाइलेरिया के बचाव के लिए फाइलेरिया की दवा खाना जरूरी है।

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नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर ले सकते हैं दवा:

वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी आरिफ इकबाल ने बताया कि पिछले दिनों 20 सितंबर 20 नवंबर तक जिले में फाइलेरिया को लेकर अभियान चला था। इस दौरान डीईसी और अल्बेंडाजोल की गोली खिलाई गई थी। दवा सेवन के बाद किसी तरह के सामान्य साइड इ़फेक्ट से घबराने की जरूरत नहीं है। अमूमन जिनके अंदर फाइलेरिया के परजीवी होते हैं, उनमें ही साइड इ़फेक्ट देखने को मिलते हैं। साइड इ़फेक्ट सामान्य होते हैं, जो प्राथमिक उपचार से ठीक भी हो जाते हैं।

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क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है फाइलेरिया:

जिला मलेरिया पदाधिकारी (डीएमओ) ने बताया कि कि फाइलेरिया क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। क्यूलेक्स मच्छर घरों के दूषित स्थलों, छतों और आसपास लगे हुए पानी में पाया जाता है। इससे बचाव के लिए लोग घरों के आसपास गंदगी और पानी नहीं जमने देना चाहिए। घर के आसपास साफ-सफाई रखनी चाहिए। बुखार आना, शरीर में लाल धब्बे या दाग होना, शरीर के किसी भी अंग में सूजन होना इसके लक्षण हैं। ज्यादातर इस बीमारी से ग्रसित लोगों के पांव या हाइड्रोसिल में सूजन हो जाती है। लोग इस बीमारी से सुरक्षित रह सकें, इसके लिए सरकार हर साल में एक बार एमडीए अभियान चलाती है। इससे लोगों को जरूरी दवा उपलब्ध होती है, जो इस बीमारी को रोकने में सहायक होती है।


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