विद्यालय से कार्यालय तक खाली, नौकरी को भटक रहे छात्र
जागरण संवाददाता बांका बिहार की मौजूदा सरकार 19 लाख रोजगार का वादा का सत्ता में लौटी है। सत्ता में लौटने के बाद केंद्र से लेकर राज्य तक की बहाली पर ताला लटका हुआ है। रेलवे की एक बहाली में सवा करोड़ आवेदन के बाद सरकार भी सकते है। इस बीच रेलवे के खिलाफ जारी आंदोलन में बिहार के लड़के फिर सबसे आगे हैं।
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27बीएन 21
- केवल दो साल में 45 सौ ने नियोजनालय से मांगी नौकरी
- पंचायतों में खुले हाईस्कूल से बिना किसी शिक्षक पास हो रहे बच्चे
जागरण संवाददाता, बांका : बिहार की मौजूदा सरकार 19 लाख रोजगार का वादा का सत्ता में लौटी है। सत्ता में लौटने के बाद केंद्र से लेकर राज्य तक की बहाली पर ताला लटका हुआ है। रेलवे की एक बहाली में सवा करोड़ आवेदन के बाद सरकार भी सकते है। इस बीच रेलवे के खिलाफ जारी आंदोलन में बिहार के लड़के फिर सबसे आगे हैं।
आंदोलन की आग भले ही बांका में नहीं भड़की, पर बांका के छात्रों का आक्रोश भी सत्ता और शासन के खिलाफ गहरा रहा है। बांका में रोजगार का संकट शुरू से रहा है। इसके बाद भी जिला में अधिकांश विद्यालयों में शिक्षक से लेकर प्रधानाध्यापक तक का पद खाली है। पंचायत स्तर पर खुले मैट्रिक और इंटर स्कूलों से बच्चे पास करने लगे, मगर इन विद्यालयों को पहले शिक्षक का अबतक इंतजार है। प्राथमिक, माध्यमिक से लेकर इंटर स्कूल में अभी चार हजार से अधिक शिक्षकों का पद खाली है। सरकारी कार्यालय और अस्पतालें भी आधी या इससे भी कम सीट पर काम चला रही है। खाली सीटों को भरने की कोई प्रक्रिया नहीं चल रही है। भौगोलिक कारणों से आधा क्षेत्रफल खेती के अनुकूल भी नहीं है। रोजगार के लिए जिला बनने के तीन दशक बाद भी कोई उद्योग नहीं लग सका। दो दशक तक चलने वाला सौ से अधिक गुड़ उद्योग भी अब पूरी तरह बंद है।
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समाहरणालय और प्रखंड की आधी सीटें खाली
नौकरी की बड़ी और सबसे पुरानी जगह समाहरणालय से लेकर प्रखंड और अंचल का कार्यालय है। जिला बनने के वक्त तीन दशक पूर्व ही बांका में लिपिकों का 184 पद स्वीकृत है। इसमें केवल 102 अभी कार्यरत हैं। यानी 82 पद खाली है। 102 में छह कर्मी महीने भर के अंदर सेवानिवृत होने वाले हैं। इसी तरह समाहरणालय संवर्ग में चतुर्थवर्गीय कर्मचारी के 135 सीट में 70 ही अभी तैनात हैं। यानी रोजगार की सबसे पुरानी जगहों पर भी आधी सीटें वर्षों से खाली है।
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एक-एक सचिव को पांच पंचायत का जिम्मा
जिला के 185 पंचायतों में इतने ही पंचायत सचिव का पद दशकों से स्वीकृत है। बौंसी और कटोरिया के नगर पंचायत बनने पर पंचायत घट कर 182 हो गया है। मगर मुश्किल से दो दर्जन पंचायत सचिव ही पिछले पांच-दस साल से इन पंचायतों के विकास को गति दे रहे हैं। इस पर बहाली पूरी तरह बंद है। एक-एक पंचायत येवक के पास चार से पांच पंचायत का जिम्मा है। राजस्व कर्मचारी की भी स्थिति यही है।
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नियोजनालय में 4519 ने मांगी नौकरी
पिछले दो साल में नौकरी की मांग करने 4519 बेरोजगार युवा बांका नियोजनालय पहुंच चुके हैं। इसमें 1808 पंजीयन 2020 का है। बांकी ढाई हजार से अधिक युवाओं ने 2021 में रोजगार मांगा है। इसमें गिनती के दर्जन भर को कोई नौकरी मिल सकी है।