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बांका में सड़क हादसे में दो चचेरे भाईयों की मौत

- दोनों मृतक आपस में था चचेरा भाई - थाना क्षेत्र के चक्काडीह गांव के पास पानी टंकी में मारी टक्कर - एक की हुई मौके पर मौत तो दूसरा की मौत भागलपुर में - एक साथ उठी दोनों चचेरे भाई की अर्थी फोटो 17 बीएएन 01 02 03 संवाद सहयोगी बांका रविवार अल सुबह दर्दनाक सड़क हादसे में दो युवक की मौत हो गई। दोनों मृतक आपस में चचेरा भाई था। मृतक की पहचान थाना क्षेत्र के कुशाहा गांव निवासी श्याम सुंदर तांती (19 वर्ष) व प्रदीप कुमार (1

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Nov 2019 08:37 PM (IST)Updated: Mon, 18 Nov 2019 06:11 AM (IST)
बांका में सड़क हादसे में दो चचेरे भाईयों की मौत
बांका में सड़क हादसे में दो चचेरे भाईयों की मौत

बांका। रविवार अल सुबह सड़क हादसे में दो चचेरे भाईयों की दर्दनाक मौत हो गई। मृतक की पहचान थाना क्षेत्र के कुशाहा गांव निवासी श्याम सुंदर तांती (19) व प्रदीप कुमार (18) के रूप में की गई है। दोनों के शव का पोस्टमार्टम बांका सदर अस्पताल में कराया गया।

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जानकारी के मुताबिक प्रदीप के पिता धनंजय ठाकुर रांची में काम कर लौट रहे थे। उन्हें स्थानीय शहर के गांधी चौक पर लेने के लिए दो बजे रात ही प्रदीप अपने चचेरे भाई श्यामसुंदर को लेकर बाइक से चला था। थाना क्षेत्र के चक्काडीह गांव के पास सड़क निर्माण के लिए रखी गई पानी की टंकी में बाइक की जोरदार टक्कर हो गई। इससे मौके पर श्याम सुंदर की मौत हो गई। जबकि प्रदीप जख्मी अवस्था में काफी देर तक घटनास्थल पर पड़ा रहा। सुबह जब लोग टहलने के लिए निकले तो दोनों को बेसुध हाल में सड़क किनारे देखा। आनन-फानन में इसकी जानकारी लोगों ने सदर अस्पताल को देने पर इलाज के लिए अस्पताल लाया। यहां चिकित्सक धर्मवीर भारती ने श्याम सुंदर के मौत की पुष्टि कर दी। जबकि प्रदीप की नाजुक हालत को देख भागलपुर के लिए रेफर कर दिया। लेकिन भागलपुर पहुंचने के साथ ही प्रदीप ने भी दम तोड़ दिया।

घटना की सूचना पर रविवार की सुबह एसआइ अभिनंदन कुमार पहुंचे और दोनों शव को पोस्टमार्टम के लिए बांका सदर अस्पताल के लिए भेज दिया। इस मामले में थानाध्यक्ष राजेश कुमार झा ने बताया कि दो युवकों की सड़क हादसे में मौत हुई है। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।

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एक साथ दोनों की अर्थी उठने से पसरा मातमी सन्नाटा

बांका: रविवार की सुबह दोनों चचेरे भाई की एक साथ अर्थी उठने से पूरा कुशाहा गांव में लोगों की आंखें नम हो गई। दोनों भाई की आपस में गजब की मित्रता थी। दोनों फिलहाल पढ़ाई कर आगे के लिए सपना संजो रहे थे। लेकिन कुदरत को कुछ और ही मंजूर था। प्रदीप के पिता धनंजय की मानों सारा सपना ही टूट गया। बड़े बेटे के शव को कंधा देकर पिता का रो-रोकर बुरा हाल हो रहा था। वहीं ,श्याम सुंदर के पिता सीताराम इस सदमें से उबर नहीं पा रहे थे। जब बेटे की मौत की सूचना मिली। तब सीताराम खेत में फसल को देखने गए थे। इधर, प्रदीप की मां रीना देवी और बहन रीता की हालत रो-रोकर बेहाल हो रही थीं। हर कोई बस ढांढ़स दे रहा था। प्रदीप के पिता बस एक ही बात कह रहे थे। किस मनहूस घड़ी में बेटे को बुलाया। जो एक साथ बेटा और भतीजा दोनों भगवान को प्यारे हो गए।


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