एक लाख भगोड़े बच्चों का स्कूल से कटेगा नाम
बांका। सरकारी विद्यालय में नामांकन करा कक्षा से फरार रहने वाले बच्चों की अब खैर नहीं ह
बांका। सरकारी विद्यालय में नामांकन करा कक्षा से फरार रहने वाले बच्चों की अब खैर नहीं है। पब्लिक स्कूलों की तर्ज पर उन पर भी सख्ती होगी। लगातार विद्यालय नहीं आने वाले करीब एक लाख बच्चों का शनिवार की बैठक के बाद स्कूल से नाम काट दिया जाएगा। अब उनका नाम इसी शर्त पर विद्यालय में रहेगा, जब शनिवार को विद्यालयों में आयोजित बैठक में उनके अभिभावक अनिवार्य रूप से मौजूद रह कर बच्चों के स्कूल नहीं आने पर मजबूत प्रमाण देंगे।
सरकारी विद्यालयों में पहली से 12वीं कक्षा तक नामांकित सभी बच्चों पर यह आदेश प्रभावी होगा। डीएम के निर्देश पर डीपीओ सर्व शिक्षा सह माध्यमिक शिक्षा अहसन ने इस आशय का पत्र जारी कर दिया है। जिसमें सभी सरकारी विद्यालय को 29 सितंबर को अभिभावक गोष्ठी आयोजित करने का निर्देश दिया गया है। इसके पहले सभी विद्यालय में शिक्षक लगातार फरार चल रहे बच्चों की सूची तैयार कर लेंगे। साथ ही सभी अभिभावकों को 29 के बैठक की सूचना अपने स्तर से दिलाना सुनिश्चित कराएंगे। यानि जिला के करीब 22 सौ सरकारी विद्यालयों में इस दिन एक साथ शिक्षक और अभिभावक की बैठक होगी।
-----------
कम उपस्थिति पर सख्त हुआ प्रशासन
राज्य और जिला स्तर पर विद्यालयों का निरीक्षण लगातार जारी है। इसमें विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति काफी खराब मिल रही है। प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में 25 से 60 प्रतिशत तक बच्चे मिलते हैं। माध्यमिक और उच्च माध्यमिक में नवमीं कक्षा छोड़ सब जगह उपस्थिति ¨चताजनक है। इंटर कक्षाओं में तो दस प्रतिशत बच्चे भी नहीं आ रहे हैं। निरीक्षण के बाद स्टेट ने भी सभी जिला में कम उपस्थिति पर ¨चता जताई थी। इसके बाद शिक्षा विभाग ने आवश्यक कदम उठाया है।
----------
विद्यालयों में नामांकित हैं साढ़े चार लाख बच्चे
जिला के प्रारंभिक विद्यालयों में अभी साढ़े तीन लाख बच्चों का नामांकन है। इसमें तीन लाख के करीब बच्चे कभी ना कभी विद्यालय आते हैं। लगभग 50 हजार बच्चे कक्षा से बिल्कुल अनुपस्थित हैं। इसी तरह नवमीं से 12वीं तक की कक्षा में एक लाख नामांकन है। इसमें आधे बच्चा स्कूल से गायब हैं। लगातार एक लाख बच्चों को ही विद्यालय लाना या फिर नहीं आने पर नाम काट कर भगा देने की योजना है।
--------
विद्यालय में शिक्षकों की कमी एक हद तक दूर कर ली गई है। खास कर माध्यमिक और उच्च माध्यमिक में अब पर्याप्त शिक्षक हैं। अधिक शिक्षक के बाद भी नवमीं के अलावा वहां बच्चों की उपस्थिति काफी खराब है। विद्यालय नहीं आने वाले छात्रों को स्कूल अब नहीं ढोएगा। 29 सितंबर की बैठक में अगर अभिभावक बच्चों के नहीं आने का मजबूत प्रमाण देंगे, तभी स्कूल में उनका नाम रहेगा।
अहसन, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, सर्व शिक्षा व माध्यमिक शिक्षा