श्रावणी मेला में बनी थी लूट की बड़ी योजना
बांका। पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता मनोज कुमार चौधरी में अपनी मधुर वाणी से बड़े-बड़ों को मोहित करने की
बांका। पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता मनोज कुमार चौधरी में अपनी मधुर वाणी से बड़े-बड़ों को मोहित करने की क्षमता रखता था। नल-जल योजना में बड़ी लूट के साथ अभी श्रावणी मेला में करोड़ों रुपये लूट की उनकी योजना थी।
इस कार्रवाई के लिए निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम को बांका में गुरुवार को पांच घंटे से अधिक का इंतजार करना पड़ा। संवेदक ने दोपहर के वक्त ही घूस देने की योजना बनाई थी, पर कार्यपालक अभियंता चंदन डैम पर डिप्टी सीएम के संभावित दौरे को लेकर डीएम के काफिले के साथ गए थे। इस कारण उन्हें वहां से लौटने में देरी हो रही थी। शाम सात बजे तक उनके बांका नहीं लौटने के कारण निगरानी की टीम मायूस हो गई थी। लेकिन चांदन से लौटते ही कार्यपालक अभियंता सीधे अपना कार्यालय पहुंचे। इस वक्त कार्यालय के अधिकतर कर्मी निकल गए थे। कार्यपालक अभियंता ने लिपिक को बुला कर संवेदक को वहां बुलाया। शाम साढ़े सात बजे के करीब संवेदक ने कार्यालय पहुंच उन्हें चार लाख रुपये थमाया। निगरानी को इसी का इंतजार था। संवेदक के निकलते ही बाहर जमी निगरानी टीम ने उन्हें रंगेहाथों दबोच लिया। सारी राशि भी कार्यालय से बरामद कर ली गई।
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हर योजना में एक प्रतिशत घूस
अभियंता कार्यालय के काम में एक प्रतिशत अपना घूस लेता था। इसके बाद 0.1 प्रतिशत राशि कार्यालय खर्च के नाम पर ली जाती थी। जिला में अभी नल जल की अरबों रुपये की योजना चल रही है। विश्व बैंक के पैसे से भी काम हो रहा है। निगरानी अधिकारी ने बताया कि अभियंता ने संवेदक से एक प्रतिशत के हिसाब से साढ़े तीन लाख रुपये संवेदक विनय कृष्ण से लिया था। श्रावणी मेला के दौरान भी करोड़ों रुपये के काम को इसी तरह रेबड़ी की तरह बांटने की योजना थी।
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घंटे भर में दस बार गया बाथरूम
गिरफ्तारी के बाद अभियंता और उसके लिपिक को अभियंता के आवास पर ले जाया गया। वहां निगरानी टीम ने उनके कमरे की तलाशी शुरू की। इसके बाद से ही अभियंता को हर पांच मिनट में प्यास और पेशाब लगने लगा। घंटे भर में वह दस बार बाथरूम गया। फिर पानी मांग कर मुंह धो रहा था।
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