श्रावणी मेले की तैयारी को लेकर प्रशासन उदासीन
बांका। विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला शुरू होने में महज एक माह शेष रह गया है, लेकिन बांका जिले में पड़ने
बांका। विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला शुरू होने में महज एक माह शेष रह गया है, लेकिन बांका जिले में पड़ने वाले 55 किलोमीटर कांवरिया पथ पर प्रशासनिक तैयारियां नदारद है। कांवरिया पथ को संवारने की जिम्मेदारी पीएचईडी, पीडब्लूडी एवं विद्युत विभाग की है।
प्रशासनिक उदासीनता के कारण यहां से गुजरने वाले देश विदेश के कांवरियों को हर साल कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता रहा है। कीचड़मय सड़क कांवरियों की सबसे बड़ी परेशानी होती है। राज्य सरकार और प्रशासन कांवरिया पथ पर तीन सेमी बालू बिछाकर गद्देदार कीचड़मुक्त पथ बनाने का दावा करती है। पर जमीनी हकीकत कुछ अलग ही होती है। इसके नाम पर करोड़ों का बंदरबांट हो जाता है। इसकी आड़ में संवेदक कुछ खास जगहों को छोड़कर बाकी जगहों पर पत्थरयुक्त पहाड़ी स्लेट व कंकडयुक्त बालू बिछा कर करोड़ों की राशि गटक जाते हैं। जिसकी मॉनीट¨रग भी जिला स्तर के अधिकारियों के द्वारा नहीं की जाती है। यही हाल पीएचइडी विभाग का भी है। विभाग यहां मेला शुरू होने के 15 दिन पूर्व कार्य शुरू करती है जो मेला शुरू होने 15 दिन बाद तक चलती रहती है।
विद्युत विभाग भी तैयारी को लेकर उदासीन बनी हुई है। धौरी फीडर 11 हजार के जर्जर बिजली तार व पोल के भरोसे है। जिसे अगर समय रहते नही बदला गया। तो मेले के दौरान विद्युत आपूर्ति बड़ी चुनौती होगी।
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इनारवरण धर्मशाला से हटाया गया अतिक्रमण
श्रवणी मेला की तैयारी को लेकर कटोरिया सीओ विमल कुमार घोष के नेतृत्व पुलिस इनावरण धर्मशाला को अतिक्रमण कराया गया। यहां लंबे समय से स्थानीय लोगों ने धर्मशाला की जमीन को अपने कब्जे में ले रखा था।
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श्रावणी मेले की तैयारी को लेकर जिला प्रशासन चौकस है। इसके लिए संबंधित विभाग के अधिकारियों को समय पर कार्य पूरा करने के निर्देश जारी किए गए हैं। इस कार्य में कोताही बरतने वाले अधिकारी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
कुंदन कुमार, डीएम