वीणा की झंकार से सृष्टि की हुई रचना : डॉ. रामाधार
सुर सम्राट गायन एवं नृत्य प्रतियोगिता के लिए शनिवार को शहर के कर्मा रोड स्थित चित्रगुप्त सभागार में ऑडिशन। उद्घाटन सच्चिदानंद सिन्हा कॉलेज के सेवानिवृत प्रो. डॉ. रामाधार सिंह चिकित्सक डॉ. जन्मेजय संगीतज्ञ डॉ. सुनील पाठक पूरंजय प्रसाद एवं निदेशक डॉ. रवींद्र कुमार ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।
सुर सम्राट गायन एवं नृत्य प्रतियोगिता के लिए शनिवार को शहर के कर्मा रोड स्थित चित्रगुप्त सभागार में ऑडिशन। उद्घाटन सच्चिदानंद सिन्हा कॉलेज के सेवानिवृत प्रो. डॉ. रामाधार सिंह, चिकित्सक डॉ. जन्मेजय, संगीतज्ञ डॉ. सुनील पाठक, पूरंजय प्रसाद एवं निदेशक डॉ. रवींद्र कुमार ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।
डॉ. रामाधार ने कहा कि संगीत के बिना जीवन अधूरा है। तनाव भरी जीवन में संगीत जरूरी है। अगर आप अधिक परेशान हैं तो संगीत सुने। तनाव से राहत मिलेगी। कहा कि मां सरस्वती के वीणा के झंकार से सृष्टि की रचना हुई है। संगीत को पहले लोग काफी गीत निगाह से देखते थे परंतु आज युवाओं का आकर्षण इस ओर बहुत ही ज्यादा है। डॉ. जन्मेजय ने कहा कि संगीत सरस्वती की वीणा से निकला वो स्वर है जो मनुष्य व अन्य जीवों को शांति व सुख का अनुभव कराता है। संगीत कला के माध्यम से बच्चे देश एवं दुनियां में अपना परचम लहरा रहे हैं। जिले में संगीत कला का तेजी से फैलाव करने में दानिका संगीत महाविद्यालय का योगदान अविस्मरणीय है। डॉ. सुनील ने कहा कि पीढ़ी दर पीढ़ी इस कला से युवाओं को दानिका संपोषित करते आ रहा है। जिले में संगीत की शिक्षा को ऊंची मुकाम पर ले जाने में दानिका संगीत महाविद्यालय की भूमिका रही है। प्रखंड स्तर पर इस संस्था का प्रसार-प्रचार से ग्रामीण प्रतिभाओं को सुअवसर प्रदान किया है। कई युवा देश स्तर पर अपने उक्त संस्था का लोहा मनवाया है। गायक सनोज सागर, आकांक्षा सिंह, आस्था सिन्हा जैसे कलाकारों ने देश स्तर पर संस्था का सम्मान बढ़ाया है। डॉ. रवींद्र ने बताया कि गांवों में छिपी गीत संगीत नृत्य की प्रतिभा को जिला, राज्य व देश स्तर तक पहचान दिलाने के उद्देश्य से कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। चयनित प्रतिभागी को राज्य व जिला स्तर पर अपनी प्रस्तुति देकर पहचान बना सकेंगे। आज रविवार को सुर सम्राट गायन एवं नृत्य प्रतियोगिता होगी, इसका उद्घाटन सांसद सुशील कुमार सिंह करेंगे।