साथ रहकर भी दूर-दूर बैठकर करना पड़ा बच्चों को लंच
22 मार्च से चल रहे कोरोना संकट के कारण पहली बार सोमवार को कक्षाएं चलीं। वर्ग में बच्चे दूर-दूर बैठे। लंच भी शरीरिक दूरी का पालन करते हुए किया।
दाउदनगर (औरंगाबाद)। 22 मार्च से चल रहे कोरोना संकट के कारण पहली बार सोमवार को कक्षा 6, 7 एवं 8 के लिए विद्यालय खोले गए। यहां के निजी विद्यालयों का दौरा कर जागरण टीम ने व्यवस्था और कोरोना गाइडलाइन के अनुपालन की स्थितियों को देखा।
सोमवार को संस्कार विद्या नवरत्न चक और दाउदनगर बाजार स्थित नव ज्योति शिक्षा निकेतन में सहपाठी जो साथ रहते हैं, आत्मीय लगाव एक-दूसरे से रखते हैं वैसे मित्र भी दूर-दूर बैठकर लंच करते देखे गए। पढ़ने के वक्त भी कक्षाओं में एक बेंच के दोनों सिरे पर बैठे मात्र दो छात्र या छात्राएं दिखीं। कोविड-19 के ही कारण प्रार्थनाकाल नहीं हुआ। संस्कार विद्या में 8:40 बजे शून्य बेला में विद्यालय की गतिविधि शुरू हुई। क्लास टीचरों द्वारा शिष्टाचार की बातें की गई।
कोरोना गाइडलाइन के बारे में बताया गया। 8.50 बजे कक्षाओं का संचालन प्रारंभ हुआ। सभी क्लास टीचरों अजीत कुमार, कमलेश देव और गिरिजेश पांडेय के हाथ में प्रिटेड गाइडलाइन उपलब्ध थे। बच्चों को सख्ती से निर्देशों का पालन करने के लिए कहा गया। ऑनलाइन स्टडी के बारे में जानकारी दी गई। ऑनलाइन एग्जाम की चर्चा की गई। 8:30 बजे करीब सीईओ आनंद प्रकाश उपस्थित हुए। उन्होंने हर क्लास का मुआयना किया बच्चों को सैनिटाइजर और सोशल डिस्टेंस के बारे में बताया और विद्यालय द्वारा किए जा रहे कोरोना नियमों के अनुपालन को जांचा परखा। विद्यालय में प्रवेश करते ही थर्मल स्कैनिग की व्यवस्था को सूरज मोहन लाल दास मॉनिटरिग करते दिखे। प्रवेश के साथ ही शिक्षक दे रहे थे बचाव की जानकारी
नव ज्योति शिक्षा निकेतन में विद्यालय की गतिविधि शुरू होने के साथ निदेशक नीरज कुमार गुप्ता ने बच्चों को कोरोना गाइडलाइन के अनुपालन के बारे में जानकारी दिया। निर्देशों का पालन सख्ती से करने के लिए समझाया। बच्चों ने हामी भरी। उस वक्त कुछ मुस्कुराते दिखे तो कुछ के चेहरे भाव शून्य दिखा। कक्षा 6 में नवीन पांडे द्वारा हिदी भाषा की उत्पत्ति व साहित्य का महत्व पढ़ाया जाने लगा तो वहीं सातवीं में इंजीनियर सनी गुप्ता द्वारा इलेक्ट्रिसिटी एंड सर्किट के बारे में पढ़ाया गया। आठवीं कक्षा में संतोष शर्मा द्वारा अंग्रेजी शिक्षा का अध्ययन शुरू कराया गया। 10 माह बाद विद्यालय खोलने के अनुभव को लेकर निदेशक नीरज कुमार गुप्ता ने कहा कि बच्चों और उनके अभिभावकों द्वारा विद्यालय खोले जाने का दबाव लगातार आ रहा था लेकिन सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन करने के कारण ऐसा संभव नहीं हो पा रहा था। सोमवार को जब कक्षा 6, 7, 8 का विद्यालय खोला गया तो पढ़ाई को लेकर बच्चों और अभिभावकों में काफी उत्साह दिखा।