लोकतंत्र के महापर्व के लिए दिखा उत्साह
रोहतास । लोकतंत्र में वोट की ताकत क्या है, शायद यह मतदाताओं को भी इस बार समझ में आ गया ह
रोहतास । लोकतंत्र में वोट की ताकत क्या है, शायद यह मतदाताओं को भी इस बार समझ में आ गया है। न किसी से डर, न प्रलोभन, न ही भय। लोकतंत्र के महापर्व के लिए ऐसा जुनून की तेज धूप में घंटों लंबी कतारों में भी लगने से मतदाता नहीं घबड़ाए। नए वोटरों ने भी जमकर मतदान किया। चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था के कारण घर की देहरी पार कर भारी संख्या में महिलाओं ने वोट किया। एक साथ कई परिवार की तीन पीढि़यां मतदान करते दिखीं। वहीं चलने में असमर्थ वृद्ध, विकलांग सब ने लोकतंत्र में अपनी भागीदारी सुनिश्चित की। जिले के सात विधानसभा क्षेत्रों में सुबह साढ़े छह बजे से ही मतदान केंद्रों पर कतारें लगने लगी। कई परिवार पहले मतदान फिर जलपान के नारे को साकार करने में भी दिखे। सासाराम, नोखा, करगहर, दिनारा, काराकाट, डेहरी व चेनारी में महादलित वोटरों ने भी बढ़ चढ़कर अपनी सहभागिता दिखाई। वोट देकर लौट रहे अधिकांश मतदाताओं की एक ही राय कि उनका बिहार विकास के रास्ते आगे बढ़े। देश-दुनिया में राज्य का नाम रोशन हो। वहीं यहां के लोग सुरक्षित व खुशहाल रहें। सभी मतदान केंद्रों पर पारा मिलिट्री की तैनाती ने इस बार मतदाताओं के मन से डर को कोसों दूर किया। सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में भी अधिकारियों के वाहन दिन भर दौड़ते रहे। चुनाव करा रहे आइटीबी के एक जवान ने कहा कि वे कई राज्यों में चुनाव कराने गए हैं, लेकिन इतनी शांति व उत्साह के साथ कम ही जगह लोग वोट देते हैं। बिहार चुनाव के बारे में जो उनके मन में भ्रम था, वह दूर हो गया। वहीं सासाराम के बाराडीह, मुरादाबाद, उर्दू तलत मध्य विद्यालय सहित अन्य बूथों पर पहुंचे वोटरों ने कहा कि इस बार का परिणाम चौकाने वाला होगा।