हल्की हवा चलने के बाद भी काट दी जाती है रिसियप फीडर की बिजली
पर इस ओर विभाग का कोई ध्यान नहीं है। यही वजह है कि पिछले पांच वर्षों से हल्की हवा चलने के बाद भी इस फीडर की बिजली काट दी जाती है। उपभोक्ता बिजली काटे जाने को लेकर लंबे समय से परेशान रह रहे हैं। विभाग को कई बार तार खंभे बदलने के लिए गुहार भी लगा चुके हैं परंतु विभाग इस ओर अनसुना रवैया अपनाए हुए हैं। अभी हाल ही में गैस एजेंसी के पास लगी आग से बिजली तार का संपर्क में आना इस बात का द्योतक है कि विभाग की लापरवाही आम उपभोक्ताओं के लिए मुश्किलों का सबब बन चुका है। गैस एजेंसी के समीप लगी आग के बाद एसडीएम डॉ. प्रदीप कुमार ए
प्रखंड में दो बिजली फीडर महत्वपूर्ण है। रिसियप फीडर एवं महाराजगंज फीडर। महत्वपूर्ण इसलिए कि इससे आधी आबादी जुड़ी हुई है। इन सबके बावजूद बिजली विभाग ने दोनों फीडर पर कभी ध्यान नहीं दिया, इसका खामियाजा पांच वर्षों से ग्रामीण भुगतते आ रहे हैं। रिसियप फीडर में लगभग 100 गांव जुड़े हुए हैं। फीडर की हालत यह है कि इसका ब्रेकर खराब है, तार झूल रहे हैं, 11000 केवीए का तार खेतों में घरों पर झूलते हुए नजर आते हैं। तार बदले हुए दशकों बीत गया पर इस ओर विभाग का कोई ध्यान नहीं है। यही वजह है कि पिछले पांच वर्षों से हल्की हवा चलने के बाद भी इस फीडर की बिजली काट दी जाती है। उपभोक्ता बिजली काटे जाने को लेकर लंबे समय से परेशान रह रहे हैं। विभाग को कई बार तार खंभे बदलने के लिए गुहार भी लगा चुके हैं परंतु विभाग इस ओर अनसुना रवैया अपनाए हुए हैं। अभी हाल ही में गैस एजेंसी के पास लगी आग से बिजली तार का संपर्क में आना इस बात का द्योतक है कि विभाग की लापरवाही आम उपभोक्ताओं के लिए मुश्किलों का सबब बन चुका है। गैस एजेंसी के समीप लगी आग के बाद एसडीएम डॉ. प्रदीप कुमार, एसडीपीओ अनूप कुमार घटनास्थल पर पहुंचे थे। उन्होंने बिजली तार व खंभा को बदलने के लिए विभाग को जानकारी देने की बात कही थी। लगभग दो सप्ताह बीतने को है और विभाग की ओर से तार व खंभे बदलने के लिए किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई है। प्रतिदिन तार गलकर नीचे गिरता है और उसे फिर से जोड़ा जाता है। अंबा फीडर के उपभोक्ताओं का कहना है कि हालात यही रही तो गर्मी के इस मौसम में बिजली सप्लाई हर पल बाधित होने की संभावना है। अभी अगर तार खंभे नहीं बदले जा सके तो फिर बदलना होगा मुश्किल
रिसियप फीडर के अधिकांश क्षेत्रों में खेती की जमीन है। फिलवक्त उक्त जमीन में लगे गेहूं की फसल काट ली गई है। ऐसे में विभाग द्वारा तार व खंभे बदलने के लिए सिर्फ एक माह का समय बचा हुआ है। अगर एक माह के अंदर तार व खंभे नहीं बदले गए तो फिर धान के फसल लग जाने के पश्चात यह आसान नहीं होगा। उपभोक्ताओं ने विभागीय अधिकारियों से तत्काल खंभे व तार बदलने की मांग की है ताकि नियमित विद्युत व्यवस्था संचालित हो सके। तार खंभे नहीं बदले जाने पर होगा आंदोलन
रिसियप फीडर के उपभोक्ताओं ने कहा है कि अगर विभाग इस महीने के अंदर तार व खंभे नहीं बदलता है तो जोरदार आंदोलन किया जाएगा। विभागीय लापरवाही का पांच वर्षों का हिसाब-किताब चुकता किया जाएगा। इधर शहरी फीडर को भी तत्काल चालू करने की मांग उपभोक्ताओं ने की है। हवा के कारण मंगलवार को पूरे दिन बंद रही रिसियप फीडर में बिजली
हल्की हवा चल रही है और रिसियप फीडर की बिजली सुबह से हीं काट दी गयी है। पावर हाउस के कर्मी बताते हैं कि ट्रिप कर जा रहा है। तार ढीला होने खंभे और पत्थर जर्जर होने के कारण ऐसा होता है। उपभोक्ता बिजली के लिए परेशान हैं और विभाग मस्त। क्या कहते हैं अधिकारी
बिजली विभाग के एसडीईओ आशीष कुमार का कहना है कि बिजली तार खंभे बदलने का काम प्रोजेक्ट द्वारा किया जाता है। प्रोजेक्ट को उक्त कार्य को शीघ्र पूरा करा लेना चाहिए ताकि उपभोक्ताओं को नियमित बिजली सप्लाई का लाभ मिल सके।