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अंबा थाना में क्विक रिस्पांस टीम का अभ्यास शुरू

औरंगाबाद। नित्य हो रहे पुलिस बल पर हमला व कार्यो में व्यवधान को देखते हुए एसपी डॉ.सत्यप्रकाश ने जिले

By JagranEdited By: Published: Sun, 20 May 2018 07:15 PM (IST)Updated: Sun, 20 May 2018 07:15 PM (IST)
अंबा थाना में क्विक रिस्पांस टीम का अभ्यास शुरू
अंबा थाना में क्विक रिस्पांस टीम का अभ्यास शुरू

औरंगाबाद। नित्य हो रहे पुलिस बल पर हमला व कार्यो में व्यवधान को देखते हुए एसपी डॉ.सत्यप्रकाश ने जिले के प्रत्येक थाने में क्विक रिस्पांस टीम का गठन किया है। पुलिस का मानना है कि वे अपनी जिम्मेदारी समझते हुए सामने वालों की मदद करते हैं पर यही बात विपक्ष में रह रहे लोगों को नागवार गुजरता है और पुलिस पर ही दोष मढ़ डालते हैं। यह स्थितियां पिछले कुछ वर्षों में बढ़ी है। पुलिस आमतौर पर देश, समाज व व्यक्ति एवं संसाधन की रक्षा के दायित्वबोध से बंधी रहती है। प्रशिक्षण के दौरान भी पुलिस को यह बात बतायी जाती है कि वे समाज में रहकर समाज की रक्षा करे। जिला मुख्यालय व बारूण की घटना से मिला बल

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गत दिनों जिला मुख्यालय में हुए दंगे एवं बारूण में एक व्यक्ति की मौत के बाद से ही इस मसले पर प्रशासनिक स्तर पर विचार किया जा रहा था कि समय घटना विस्तार को रोकने, सामाजिक दुर्भावना दूर करने, दुर्घटना में घायलों को त्वरित चिकित्सा सेवा देने, आम आवाम में अमन चैन स्थापित करने के लिए प्रत्येक थाना में पदस्थापित अधिकारियों व बलों को त्वरित रिस्पांस टीम में शामिल कर उन्हें धारदार बनाया जाए। टीम गठन के बाद से उम्मीद की जा रही है कि सामाजिक सछ्वावना, राष्ट्रीय संपति की हानि तथा जानमाल के नुकसान से जनता को बचाया जाए। अभ्यास में शामिल हुए अधिकारी व बल

अंबा थाना में क्विक रिस्पांस टीम का गठन व अभ्यास रविवार को किया गया। थानाध्यक्ष पंकज कुमार पुलिस पदाधिकारी गौरीशंकर शर्मा, कृष्णा राय, रामादित्या ठाकुर तथा सत्येंद्र बहादुर ¨सह के साथ सीआईटी के जवान विकास कुमार, मुन्ना कुमार, डीएपी के नंदकिशोर कुमार, सर्वेश कुमार, अजय कुमार प्रथम एवं द्वितीय महिला आरक्षी जूही कुमारी पूनम कुमारी समेत 32 बलों ने अभ्यास सत्र में भाग लिया। प्रतिदिन किया जाएगा अभ्यास

थानाध्यक्ष पंकज कुमार ने बताया कि क्विक रिस्पांस टीम प्रतिदिन अभ्यास के द्वारा धारदार रखा जाएगा। एक्शन के लिए समय-समय पर परीक्षा भी ली जा सकती है। सभी को उर्जावान बनाने के लिए सुझाए गए उपायों पर सुक्ष्मता से नजर रखी जाएगी। सामाजिक सछ्वाव को बल, नि:सहायों की रक्षा तथा आपदा में घायलों के बचाव के लिए अलग-अलग प्रकार का प्रशिक्षण से टीम को गुजरना होगा। हंगामा के दौरान लोगों को शांत कराने उन्हें कानून व सामाजिक दायित्व से बांधने के लिए भी पुलिस कार्य करती रहेगी।


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