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जब पकड़े गए बदमाश तब दर्ज हुई प्राथमिकी

जिले की पुलिस गजब कार्यशैली पर कार्य कर रही है। सड़क पर लूट एवं छिनतई की घटना की प्राथमिकी दर्ज करने में पुलिस कतराती है। कहा जाए तो प्राथमिकी

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Nov 2019 07:23 PM (IST)Updated: Fri, 22 Nov 2019 06:11 AM (IST)
जब पकड़े गए बदमाश तब दर्ज हुई प्राथमिकी
जब पकड़े गए बदमाश तब दर्ज हुई प्राथमिकी

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-पुलिस की कार्यशैली पर उठ रहा सवाल

-लूट की प्राथमिकी दर्ज करने से कतरा रही पुलिस जागरण संवाददाता, औरंगाबाद : जिले की पुलिस गजब कार्यशैली पर कार्य कर रही है। सड़क पर लूट एवं छिनतई की घटना की प्राथमिकी दर्ज करने में पुलिस कतराती है। कहा जाए तो प्राथमिकी दर्ज करने से पहले पुलिस पीड़ित को थाना दौड़ाते रहती है। कई मामलों में घटना की सही प्राथमिकी दर्ज नहीं होती है। यहां घटना के बाद बदमाशों के पकड़े जाने के बाद पुलिस के द्वारा प्राथमिकी दर्ज करने का मामला सामने आया है। गोह थाना के अंकुरी गांव निवासी रवि कुमार दुबे के द्वारा बाइक सवार लुटेरों के द्वारा मोबाइल और नगदी छीनने की घटना की प्राथमिकी मुफस्सिल थाना में बुधवार को दर्ज हुई है। यह घटना तीन नवंबर की है। टेंपो पर सवार करीब आधा दर्जन यात्री अनुग्रह नारायण रोड रेलवे स्टेशन से जिला मुख्यालय आ रहे थे कि बाइक सवार तीन लुटेरों ने पटना मुख्य पथ पर खैरा-खैरी गांव के पास यात्रियों को हथियार का भय दिखा मोबाइल एवं नगदी छीन लिया था। हालांकि यह घटना लूट की बताई जाती है। इस घटना की प्राथमिकी रवि के बयान पर पुलिस ने तब दर्ज की है जब जम्होर थाना पुलिस के द्वारा सड़क लूट गिरोह के मुख्य सरगना गया जिले के आमस थाना क्षेत्र के नारायणपुर गांव निवासी रामनरेश सिंह का पुत्र आदित्य कुमार सिंह एवं बुनियादगंज थाना क्षेत्र के ग्वोलपुर गांव निवासी अविनाश सिंह का पुत्र कौशल कुमार सिंह को गिरफ्तार चोरी कर बुधवार को जेल भेजा गया। रवि ने दर्ज प्राथमिकी में लिखा है कि घटना के बाद काफी डर के कारण घटना के दिन सूचना थाना में नहीं दे पाया। बताया जाता है कि मोबाइल गुम हो जाने की घटना के संदर्भ में थाना में दर्ज होने वाली अधिकांश घटना मोबाइल लूट या छिन लेने की होती है। थानाध्यक्ष के द्वारा लूट और छिन लेने की घटना की भी सनहा दर्जकर बैठ जाते हैं जिस कारण कांडों का उछ्वेदन नहीं हो पाता है। लुटेरे नहीं पकड़े जाते हैं। मदनुपर में शिवगंज निवासी मो. मुर्तजा की हत्या घटना को देखे तो इस हत्याकांड में शामिल पीएलएफआइ का मुख्य सरगना विकास यादव के द्वारा कई मुखिया एवं ईट भट्ठा मालिकों से लेवी की मांग की गई पर एक भी मामले में पुलिस प्राथमिकी दर्ज नहीं की। विकास के द्वारा लेवी मांगने के मामले जो भी तीन प्राथमिकी मदनपुर थाना में दर्ज हुई वह एसपी के निर्देश पर तब दर्ज हुई जब ईट भट्ठा मालिक मो. मुर्तजा की हत्या में विकास का नाम आया।


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