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भंडारण की क्षमता न होने से धान की खरीदारी हुई प्रभावित

जिले में धान खरीद में प्रत्येक वर्ष समस्या होती है। इस वर्ष उत्पन्न हुई है। सीएमआर की भंडारण क्षमता न होने के कारण न सिर्फ धान खरीद प्रभावित हुई है। धान खरीद चुके पैक्स एवं व्यापार मंडल के अध्यक्ष परेशान हैं। दो दिनों से सीएमआर का चावल एसएफसी के पास नहीं गिरने के कारण पैक्स को पैसा मिलने का जो चक्र है वह टूट गया है। पैक्सों का सीएमआर मिलरों के पास पड़ा है। एसएफसी के पास सीएमआर का चावल रखने की क्षमता करीब 35 हजार एमटी की है और अबतक करीब 43500 एमटी एसएफसी को प्राप्त हो गया है। सासाराम में गोदाम किराया पर लिया गया था जो भर गया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 28 Jan 2022 09:52 PM (IST)Updated: Fri, 28 Jan 2022 09:52 PM (IST)
भंडारण की क्षमता न होने से धान की खरीदारी हुई प्रभावित
भंडारण की क्षमता न होने से धान की खरीदारी हुई प्रभावित

जागरण संवाददाता, औरंगाबाद : जिले में धान खरीद में प्रत्येक वर्ष समस्या होती है। इस वर्ष उत्पन्न हुई है। सीएमआर की भंडारण क्षमता न होने के कारण न सिर्फ धान खरीद प्रभावित हुई है। धान खरीद चुके पैक्स एवं व्यापार मंडल के अध्यक्ष परेशान हैं। दो दिनों से सीएमआर का चावल एसएफसी के पास नहीं गिरने के कारण पैक्स को पैसा मिलने का जो चक्र है वह टूट गया है। पैक्सों का सीएमआर मिलरों के पास पड़ा है। एसएफसी के पास सीएमआर का चावल रखने की क्षमता करीब 35 हजार एमटी की है और अबतक करीब 43,500 एमटी एसएफसी को प्राप्त हो गया है। सासाराम में गोदाम किराया पर लिया गया था जो भर गया है। सरकारी सिस्टम की कुव्यवस्था का लाभ व्यापारी उठा रहे हैं। किसानों का धान क्रय केंद्रों पर नहीं पहुंचकर व्यापारियों के पास जा रहा है। जिला कोआपरेटिव बैंक के अध्यक्ष सह पैक्स अध्यक्ष संतोष कुमार सिंह ने बताया कि भंडारण की क्षमता नहीं होने के कारण दो दिनों से सीएमआर का चावल एसएफसी के द्वारा नहीं लिया जा रहा है। जब सीएमआर नहीं लिया जाएगा तो एसएफसी के द्वारा पैसा नहीं दी जाएगी और जब पैसा नहीं मिलेगा तो पैक्सों एवं व्यापार मंडल के अध्यक्ष धान की खरीद नहीं कर पाएंगे। राज्य के सहकारिता एवं खाद्य आपूर्ति विभाग के सचिव एवं डीएम को पत्र देकर धान खरीद का समय एवं लक्ष्य को बढ़ाने की मांग किए हैं। सीएमआर के लिए गोदाम की शीघ्र व्यवस्था करने की मांग की गई है। 2.50 लाख मीट्रिक टन है लक्ष्य 1.73 हुई खरीदारी

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जिले में धान क्रय का लक्ष्य 2,50,000 मीट्रिक टन है। अब तक 1,73,000 मीट्रिक टन खरीदारी संभव हो पाई है। 15 फरवरी तक किसानों से धान की खरीद करने का समय है। अब सवाल उठता है कि अगर सीएमआर का चावल रखने के लिए एसएफसी के द्वारा एक दो दिनों में गोदाम की व्यवस्था नहीं तो धान की खरीद नहीं हो पाएगी। तीन बीसीओ का वेतन हुआ है बंद

धान खरीद को लेकर डीएम सौरभ जोरवाल के द्वारा लगातार बैठक की जा रही है। अधिकारियों को निर्देश दिया जा रहा है पर स्थिति सुधर नहीं पा रही है। धान की खरीद में लापरवाही बरतने के मामले में सदर, मदनपुर एवं कुटुंबा के बीसीओ का वेतन भी डीएम के द्वारा बंद किया गया है। ओबरा के डिहरा पैक्स को धान की खरीद से वंचित किया गया है। करीब 23 पैक्सों का लक्ष्य काटकर दूसरे पैक्सों से टैग किया गया है। किसानों से नहीं हो रही धान खरीद : पूर्व मंत्री

सूबे के सहकारिता मंत्री रहे रामाधार सिंह ने शुक्रवार को फोन पर बताया कि क्रय केंद्रों पर किसान धान लेकर दौड़ रहे हैं। किसानों से धान की खरीदारी नहीं हो रही है। बाजार से धान लेकर पैक्स अध्यक्ष टारगेट पूरा कर रहे हैं। किसानों को सरकार द्वारा घोषित दर का लाभ नहीं मिल रहा है। धान क्रय मामले में किसानों के हालात ठीक नहीं हैं। पूर्व मंत्री ने कहा कि अगर सही से खरीदारी की जांच करा दी जाए तो सच्चाई सामने आ जाएगी।

एसएफसी का गोदाम सीएमआर का चावल से भर गया है। भंडारण क्षमता नहीं होने के कारण धान की खरीद प्रभावित होगी। दो दिनों से सीएमआर नहीं गिर पा रहा है। जबतक एसएफसी के द्वारा सीएमआर नहीं ली जाएगी तबतक क्रय करने वाले समितियों को पैसा नहीं मिलेगा और जब पैसा नहीं मिलेगा तो वे धान की खरीद नहीं कर पाएंगे। बताया कि एसएफसी के द्वारा सीएमआर के लिए किराया पर लेने के लिए गोदामों को खोजा जा रहा है। एक दो दिनों में व्यवस्था होने की उम्मीद है।

श्रीन्द्र नारायण, डीसीओ


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