शैलपुत्री की पूजा से नवरात्रि की शुरुआत
मां के नौ रूपों की उपासना का पर्व छह अप्रैल शनिवार से शुरू हो रहा है। नवरात्र की शुरुआत मां शैलपुत्री की पूजा से आरंभ होगी। चैत्र नवरात्र पूरे 6 से 14 अप्रैल तक पूरे नौ दिन की रहेगी
औरंगाबाद। मां के नौ रूपों की उपासना का पर्व छह अप्रैल शनिवार से शुरू हो रहा है। नवरात्र की शुरुआत मां शैलपुत्री की पूजा से आरंभ होगी। चैत्र नवरात्र पूरे 6 से 14 अप्रैल तक पूरे नौ दिन की रहेगी, यानी तिथियों का क्षय इस बार नहीं होगा। हिदू पंचांग के अनुसार शनिवार से शुरू होने वाले चैत्र नवरात्र में विशेष रूप से जगतजननी मां की आराधना के लिए दुर्गा सप्तशती अनुष्ठान के लिए कलश स्थापना अभिजित मुहूर्त छह अप्रैल शनिवार को दिन 11 बजकर 35 मिनट से 12 बजकर 24 मिनट अपराहन तक होगा। आचार्य सुरेंद्र मिश्रा ने बताया की नवरात्र में पांच सर्वार्थ सिद्धि, दो रवि योग और रवि पुष्य योग का संयोग बन रहा है श्रीमद् देवी भागवत व देवी ग्रंथों के अनुसार इस तरह के संयोग कम ही बनते हैं। इसलिए यह नवरात्र देवी साधकों के लिए खास रहेगी। हिन्दू धर्म के मतानुसार सृष्टि रचना का आरंभ चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को हुआ था, इसलिए हमारा हिन्दू वर्ष इसी दिन से शुरू होता है। ब्रह्म पुराण के अनुसार, देवी ने ब्रह्माजी को सृष्टि निर्माण करने के लिए कहा। चैत्र नवरात्र के तीसरे दिन भगवान विष्णु ने मत्स्य रूप में अवतार लिया था। श्रीराम का जन्म भी चैत्र नवरात्र में हुआ था।