प्रेमिका के पति ने प्रेमी की गला दबाकर की हत्या
औरंगाबाद। दाउदनगर शहर के वार्ड-12 के खत्री टोला निवासी हर्षित प्रकाश उर्फ मोना अपहरण
औरंगाबाद। दाउदनगर शहर के वार्ड-12 के खत्री टोला निवासी हर्षित प्रकाश उर्फ मोना अपहरणकांड का पुलिस ने उछ्वेदन कर लिया है। पुलिस ने देव थाना क्षेत्र के कुआं से हर्षित का शव शुक्रवार रात्रि बरामद किया है। दाउदनगर एसडीपीओ राजकुमार तिवारी ने बताया कि हर्षित की हत्या उसकी प्रेमिका के पति देव निवासी कमलेश यादव ने की है। हर्षित की हत्या देव में की गई है। हत्या में शामिल अन्य अपराधियों की तलाश की जा रही है। मोबाइल टावर लोकेशन से पुलिस ने इस हत्याकांड का खुलासा किया है। एसडीपीओ ने बताया कि युवक की हत्या गमछा से गला दबाकर की गई है। बताया जाता है कि हर्षित अपने पांच दोस्तों के साथ 13 नवंबर को देव गया था। वहां से वह दोस्तों को छोड़ प्रेमिका के घर चला गया। एक घंटे बाद आने की बात कही परंतु नहीं लौटा तो दोस्तों ने फोन किया। मोबाइल बंद मिला। मोबाइल लगातार बंद मिला तो दोस्त देव से दाउदनगर लौट गए। उधर प्रेमिका के घर पहुंचे हर्षित की हत्या कर प्रेमिका के पति ने कर दी और शव को बोरा में बंद कर कुआं फेंक दिया। इधर हर्षित की मां उर्मिला देवी ने बेटे के गायब होने की प्राथमिकी दाउदनगर थाना में दर्ज कराई। दोस्तों पर ही बेटे के गायब करने का आरोप लगाई। पुलिस ने मामले में कांड दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया और मामले में आरोपित कुछ दोस्तों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की। थानाध्यक्ष अभय कुमार ¨सह ने बताया कि प्रेमिका के पति देव निवासी कमलेश यादव को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। थानाध्यक्ष ने बताया कि अनुसंधान के क्रम में खुलासा हुआ है कि मृतक का प्रेम प्रसंग एक युवती के साथ चल रहा था। युवक उससे मिलने उसके घर देव पहुंचा था, जिसे महिला के पति ने देख लिया और युवक की हत्या कर शव को देव स्थित एक कुआं में बोरा में बांधकर फेंक दिया। रात में ही पुलिस ने प्रेमिका के पति के घर छापेमारी कर उसे गिरफ्तार किया। घटना की चर्चा दाउदनगर एवं देव में पूरे दिन होती रही।
हर्षित की हत्या से परिजन हुए आक्रोश
पुलिस पर देर से प्राथमिकी दर्ज करने का लगाया आरोप
समय से कार्रवाई होती तो बच जाती जान
दाउदनगर (औरंगाबाद) : हर्षित का शव मिलते ही उसके घर मातम छा गया। मां उर्मिला देवी रोने लगी। परिवार का रोते-रोते बुरा हाल है। मृतक के परिजन पुलिस के रवैया से आक्रोशित हैं। परिजनों का कहना है कि समय से पुलिस कार्रवाई करती तो युवक की जान बच सकती थी। मृतक के मामा विजय कुमार के साथ अन्य परिजनों ने पुलिस पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया। परिजनों का आरोप है कि 14 नवंबर की शाम जब वे लोग आवेदन लेकर थाना गए तो प्रभारी थानाध्यक्ष ने आवेदन नहीं लिया। 15 नवंबर को पुलिस ने आवेदन लिया और प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई 16 नवंबर से शुरू की। जिला स्तर के पदाधिकारियों से संपर्क करने के बाद कार्रवाई शुरू हुई। परिजनों से मिलने पहुंचे जदयू नेता विनय उर्फ अभय चंद्रवंशी, ¨पटू चंद्रवंशी, विजय चंद्रवंशी, रणधीर कुमार एवं अशोक कुमार ने पुलिस पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए कहा कि चंद्रवंशी समाज के लोग अपने-आपको असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। आरोप लगाया कि पुलिस की शिथिलता के कारण हर्षित की जान चली गई।उधर थानाध्यक्ष अभय कुमार ¨सह ने कहा कि प्राथमिकी दर्ज होते ही कार्रवाई एवं अनुसंधान प्रारंभ कर दिया गया। मोबाइल का टावर लोकेशन आते ही कार्रवाई तेज कर दी गई। पुलिस मामले में सख्त कार्रवाई करेगी। थानाध्यक्ष ने बताया कि पुलिस अपना काम करना जानती है। हत्या के इस मामले में जो लोग भी दोषी होंगे पुलिस उन्हें सजा दिलाएगी।
नानी के घर रहकर करता था पढ़ाई
हर्षित उर्फ मोना हसपुरा थाना के धमनी गांव निवासी धनेश्वर प्रसाद का पुत्र था। वह अपने मां के साथ शहर के वार्ड संख्या 12 स्थित शुक बाजार खत्री टोला में अपने नानी के रहकर बीए का पढ़ाई करता था। उसका भरण-पोषण दाउदनगर में ही हुआ था। मृतक के पिता सूरत में काम करते हैं। मृतक का बड़ा भाई दिल्ली रहता है। मृतक की मां हत्या के बाद से सिर्फ रो रही है। रोते हुए वह बेहोश हो जाती है और जब होश आता है अपने पुत्र हर्षित को खोजने लगती है। मामा अजय कुमार गम में डूबे हैं। रोते हुए बोले कि भगीना को पढ़ाकर अधिकारी बनाना चाहते थे सपना चकनाचूर हो गया। मोहल्ले के लोग हर्षित के हंसमुख स्वभाव का चर्चा कर रहे थे। कह रहे थे कि वह बड़ा शालीन था, यह सब कैसे हो गया हमें तो विश्वास ही नहीं हो रहा है।