सहानुभूति लेने को अपहरण का नाटक
औरंगाबाद । नवीनगर प्रखंड के तोल पंचायत मुखिया उमाकांत सिंह उर्फ टिंकू सिंह का अपहरण
औरंगाबाद । नवीनगर प्रखंड के तोल पंचायत मुखिया उमाकांत सिंह उर्फ टिंकू सिंह का अपहरण नहीं हुआ था। पंचायत चुनाव को लेकर मुखिया ने सहानुभूति लेने को अपहरण का नाटक रचा और गायब हो गए। उक्त बातें शुक्रवार को एसपी बाबूराम ने प्रेस कांफ्रेंस में कही। एसपी ने बताया कि मुखिया के बयान में विरोधाभास है। लगातार बयान बदल रहे हैं जिस कारण यह साफ है कि मुखिया का अपहरण नहीं हुआ था बल्कि स्वयं लापता हुए थे। एसपी ने बताया कि पूरे मामले की तहकीकात चल रही है। जांच के दौरान यह बात सामने आया है कि मुखिया अपहरण के दिन शाम 4:30 बजे तक नवीनगर में थे। कई लोगों ने उन्हें नवीनगर में देखा है। एक सीमेंट दुकान पर बैठे थे। मुखिया का कहना है कि मेरा अपहरण 2 बजे दिन में झारखंड के हरिहरगंज के पास से स्कार्पियो सवार सशस्त्र अपराधियों ने कर ली। अब सवाल उठता है कि जब मुखिया का अपहरण हरिहरगंज के पास से की गई तो हुसैनाबाद के अंबेदकर चौक के पास मुखिया की बाइक जेएच02एएय-2099 कैसे पहुंची? दो दिन बाद मुखिया स्वयं प्रकट हुए। अगर नक्सली या अपहरण गिरोह के सदस्य मुखिया को अपहृत करते तो फिरौती की मांग की जाती। पुलिस की माने तो मुखिया के परिजनों से किसी प्रकार की फिरौती नहीं मांगी गई है। एसपी ने कहा कि जांच में प्रथम दृष्टया मामला झूठा पाया गया है। मुखिया के खिलाफ कार्रवाई के लिए साक्ष्य एकत्रित किए जा रहे हैं। पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है। एसपी ने साफ शब्दों में कहा कि मुखिया का अपहरण नहीं हुआ था बल्कि चुनाव में सहानुभूति लेने के लिए स्वयं को अपहरण का नाटक किया। पूरे मामले का खुलासा हो चुका है। बता दें कि मुखिया टिंकू सिंह के लापता होने की सूचना 19 मार्च को नवीनगर थाना में दी गई थी। 21 मार्च को मुखिया के पिता अजय सिंह ने थाना में अपहरण की प्राथमिकी दर्ज कराई। 23 मार्च को मुखिया स्वयं अपने घर पहुंच गए।