Move to Jagran APP

दाउदनगर के जय को बीपीएससी में 74वां रैंक

दाउदनगर शहर के पुराना शहर वार्ड- आठ निवासी जय कुमार ने संघर्ष की बदौलत बिहार लोक सेवा आयोज की परीक्षा में सफलता का परचम लहराया

By JagranEdited By: Published: Mon, 14 Oct 2019 07:09 PM (IST)Updated: Tue, 15 Oct 2019 06:10 AM (IST)
दाउदनगर के जय को बीपीएससी में 74वां रैंक
दाउदनगर के जय को बीपीएससी में 74वां रैंक

औरंगाबाद। दाउदनगर शहर के पुराना शहर वार्ड- आठ निवासी जय कुमार ने संघर्ष की बदौलत बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा में सफलता का परचम लहराया है। उसे बीपीएससी में 74वां रैंक प्राप्त हुआ है। जय ने शहर के साथ जिले का नाम रोशन किया है। हालांकि लक्ष्य संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में सफलता अर्जित करना है। यूपीएससी की तैयारी में जय लगा है। जय का जीवन संघर्षपूर्ण रहा है। वर्ष 2004 में सिर से पिता का साया उठ गया था। पिता उपेंद्र प्रसाद के निधन के बाद मां शोभा रानी पर घर की सारी जवाबदेही आ गई। मां पुराना शहर स्थित हाता मध्य विद्यालय में शिक्षिका हैं। दो पुत्र एवं दो पुत्रियों की जवाबदेही मां ने बखूबी निभाई। जिस समय उपेंद्र प्रसाद का निधन हुआ था, उस समय जय 10वीं परीक्षा की तैयारी कर रहा था। नवोदय विद्यालय बारुण से दसवीं एवं 12वीं की परीक्षा पास की। वर्ष 2011 में एनआईटी भोपाल से बीटेक किया। वर्तमान में केंद्रीय विद्यालय कोपल (दक्षिण भारत) में कंप्यूटर साइंस के शिक्षक हैं। इनके छोटे भाई जीत कुमार गुड़गांव में इंजीनियर हैं। संघर्ष में जीवन बिताते हुए दोनों भाइयों ने उपलब्धि हासिल किया है। इनकी सफलता पर बधाई देने का सिलसिला भी जारी है। इनके मौसा एवं पांकी मुखिया सह बीस सूत्री अध्यक्ष शंकर प्रसाद, मामा सुनील प्रसाद गुप्ता, बाल्मीकि गुप्ता, रोटरी क्लब के ललन प्रसाद गुप्ता, रविशंकर प्रसाद गुप्ता,रघुवीर प्रसाद गुप्ता एवं मौसा हरिद्वार प्रसाद गुप्ता ने खुशी जताते हुए उन्हें बधाई दी है। मां ने निभाया मां पिता की भूमिका

loksabha election banner

जय कुमार की मां शिक्षिका शोभा रानी के ऊपर 2004 में तब पहाड़ टूट पड़ा था जब उनके पति उपेंद्र प्रसाद उर्फ जोखन का निधन हो गया था। उस समय जय नवोदय स्कूल बारुण में पढ़ाई करता था और मैट्रिक की परीक्षा देने की तैयारी कर रहा था। पिता की बीमारी में सारी जमा पूंजी खत्म हो गई थी। पति के निधन के बाद शोभा ने पिता की भूमिका भी निभाई। बच्चों को शिक्षित किया। दोनों बच्चियों की शादी की। जय कुमार की सफलता पर ये फुले नहीं समा रही है। उन्होंने कहा कि उन्हें अपने बच्चों पर गर्व है। आज इनके पिता जहां भी होंगे वे बहुत खुश होंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.