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टूटे शौचालय व गंदगी मॉडल थाने की पहचान

जिला मुख्यालय स्थित नगर थाना जिले का एकमात्र मॉडल है। सरकार ने इसे मॉडल थाने का दर्जा तो दे दिया गया लेकिन सुविधाओं का अभाव है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 12 Apr 2021 04:05 PM (IST)Updated: Mon, 12 Apr 2021 04:05 PM (IST)
टूटे शौचालय व गंदगी मॉडल थाने की पहचान
टूटे शौचालय व गंदगी मॉडल थाने की पहचान

औरंगाबाद : जिला मुख्यालय स्थित नगर थाना जिले का एकमात्र मॉडल है। सरकार ने इसे मॉडल थाने का दर्जा तो दे दिया पर यहां सुविधाएं बहाल नहीं हुईं। थाने में किसी भी पर्व-त्योहार के मौके पर शांति समिति की बैठक करने को पर्याप्त जगह नहीं है। बरामदे में किसी भी तरह की बैठकें की जाती हैं। फरियादियों को भी बरामदे में ही बैठाया जाता है।

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स्थिति यह है कि पंजी रखने की बेहतर व्यवस्था नहीं है। जैसे-तैसे पंजियों को रखा जाता है। नगर थानाध्यक्ष का अपना कार्यालय कक्ष तो है, लेकिन पदस्थापित अन्य पुलिसकर्मियों के बैठने की बेहतर व्यवस्था नहीं है। आज भी पुराने लकड़ी की जर्जर टेबल और कुर्सी पर पुलिसकर्मी कार्य करते हैं। थाने में शौचालय टूटा हुआ है। बेसिन टूटकर अनुपयोगी हो गया है। बगल में भरे पानी से बदबू आती है। इसी गंदगी में पानी का मोटर लगा है। बिजली के तार जैसे-तैसे जर्जर अवस्था में हैं। मरम्मत के अभाव में थाने का भवन दरक रहा है। गश्ती के लिए मौजूद है खटारा वाहन

पुलिसकर्मियों को गश्ती करने के लिए चार वाहन चाहिए। वर्तमान में तीन वाहन ही है। इसमें भी दो खराब है। एक वाहन जिससे पुलिसकर्मी गश्ती करते हैं, वह खटारा अवस्था में है। जब्त वाहनों को रखने की कोई व्यवस्था नहीं है। जहां-तहां धूप और पानी से वाहन सड़कर बर्बाद हो रहे हैं। पुलिसकर्मियों के आवासन की कमी खलती है। ऑनलाइन नहीं दर्ज होता एफआइआर

दोनों हाजत का सीसीटीवी से निगरानी रखी जाती है। थाना सीसीटीएनएस सिस्टम से जुड़ा है, पर ऑनलाइन एफआइआर दर्ज नहीं होता है। महिला व पुरुष के लिए अलग-अलग हाजत तो है पर वहां भी गंदगी साफ झलकती है। मालखाने की हालत भी सही नहीं है। हर माह 35 से 40 दर्ज होती है प्राथमिकी

नगर थाने में हर माह औसतन 35 से 40 प्राथमिकियां दर्ज होती हैं। दर्ज कांड का अनुसंधान समय पर नहीं होने से वर्तमान में करीब 251 कांड निष्पादन के लिए लंबित हैं। नगर थानाध्यक्ष से लेकर दारोगा व जमादार के स्वीकृत पद 35 हैं, पर वर्तमान में कार्यरत 23 हैं। ----------------------

संसाधन की कमी है। गश्ती के लिए अच्छे हालत में वाहन नहीं है। एक वाहन है, जिससे गश्ती होती है। दो वाहन खराब हो गए हैं। पुलिसकर्मियों के आवासन की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है।

धनंजय कुमार, प्रभारी थानाध्यक्ष, मॉडल थाना


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