Move to Jagran APP

सबको स्वास्थ्य लाभ देने वाला खुद अस्वस्थ

एक ओर सरकार बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने के दावे कर रही है, लेकिन जमीनी स्तर पर क्या इस ब

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Jan 2019 05:42 PM (IST)Updated: Fri, 18 Jan 2019 05:42 PM (IST)
सबको स्वास्थ्य लाभ देने वाला खुद अस्वस्थ
सबको स्वास्थ्य लाभ देने वाला खुद अस्वस्थ

एक ओर सरकार बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने के दावे कर रही है, लेकिन जमीनी स्तर पर क्या इस बात से जनता वाकिफ है। बात हो रही उप स्वास्थ्य केंद्रों की, जहां स्वास्थ्य सुविधा न के बराबर है। स्थिति यह है कि प्रखंडों में खोले गए प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेंद्रों पर अधिकतर ताले लटके रहते हैं। ऐसा ही हाल कुछ दाउदनगर प्रखंड के एकौनी स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का है जो बिना डॉक्टर के खुल ही नहीं रहा। आखिर कब तक इन केंद्रों पर एएनएम व आशा दीदियों के सहारे ग्रामीण रहें। स्थानीय लोगों का कहना है कि बिना चिकित्सक प्राथमिक उपस्वास्थ्य केंद्र खुलना ही बंद हो गया है। आलम यह है कि बिन चिकित्सक यहां ताला ही लटकाना पड़ रहा है। यह हाल है दाउदनगर प्रखंड के एकौनी स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य उप केंद्र का जो दशकों से आज भी चिकित्सक नियुक्ति की राह ताक रहा है, चिकित्सकों के उपलब्ध नहीं रहने व रख-रखाव के अभाव में जर्जर होता जा रहा है प्राथमिक स्वास्थ्य उप केंद्र। लोगों के उम्मीद पर पानी फिरा

loksabha election banner

आसपास के गांव देवदत्तपुर, रेपुरा, नवरत्नचक, हरंगी बिगहा, बुकनापुर, कटारिया गैनी सहित गांव के हजारों लोग इस स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सक के आने की बाट जोह रहे है। ग्रामीण ¨रकी देवी, अवकाश प्राप्त शिक्षक देवेंद्र कुमार सिन्हा, फौदार ¨सह, रंजन कुमार, शिव कुमार मेहता सहित का कहना है कि अगर स्थानीय पदाधिकारी वह जनप्रतिनिधि इस तरफ ध्यान दिए होते तो हम लोगों को निजी चिकित्सकों के पास नहीं जाना पड़ता। जब इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण हुआ था तो हम स्थानीय लोगों के मन में एक उम्मीद की किरण तैरने लगा था कि अब हम सब को भी प्राथमिक उपचार के लिए शहर की ओर भागना नहीं पड़ेगा, लेकिन अफसोस वर्षों बीत जाने के बाद भी हम सब आज भी उम्मीद के सहारे जी रहे हैं। क्या कहते हैं समाजसेवी

शिक्षक और सामाजिक ¨चतक गोपेंद्र कुमार सिन्हा गौतम का कहना है सरकार जिस उद्देश्य के साथ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोली वह उद्देश्य पूरा होते हुए नहीं दिख रहा कारण आज भी ग्रामीणों को प्राथमिक उपचार के लिए शहरों का रुख करना पड़ता है। जितना जल्दी हो सके इस स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सा सुविधा बहाल की जाए, जिससे आसपास के हजारों ग्रामीणों को स्थानीय स्तर पर चिकित्सा सुविधा का लाभ मिल सके और वे परेशानी के साथ साथ प्रखंड मुख्यालय स्थित स्वास्थ्य केंद्रों में भीड़ का हिस्सा बनने से बच सकें। आखिर सरकार कितना दिन ग्रामीणों को एएनएम व आशा दीदियों के सहारे जीने के लिए छोड़े रहेगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.