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किसान की जमीन पर झंडा गाड़ने वाले बन रहे किसान के रहनुमा

भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य राधे श्याम शर्मा ने दाउदनगर के तरारी में भाजपा अनुसूचित मोर्चा के क्षेत्रीय प्रभारी पूर्व प्रखंड प्रमुख राजेंद्र पासवान के घर पर किसान परिवार के बीच कहा कि जो बामपंथी दल आज तक किसान मजदूर में बैमनस्य पैदा कर किसानों के खेत पर लाल झंडा गाड़ कर किसान को तबाह करने का काम करते थे।

By JagranEdited By: Published: Tue, 15 Dec 2020 04:51 PM (IST)Updated: Tue, 15 Dec 2020 04:51 PM (IST)
किसान की जमीन पर झंडा गाड़ने वाले बन रहे किसान के रहनुमा
किसान की जमीन पर झंडा गाड़ने वाले बन रहे किसान के रहनुमा

संवाद सहयोगी, दाउदनगर (औरंगाबाद) : भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य राधे श्याम शर्मा ने दाउदनगर के तरारी में भाजपा अनुसूचित मोर्चा के क्षेत्रीय प्रभारी पूर्व प्रखंड प्रमुख राजेंद्र पासवान के घर पर किसान परिवार के बीच कहा कि जो बामपंथी दल आज तक किसान मजदूर में बैमनस्य पैदा कर किसानों के खेत पर लाल झंडा गाड़ कर किसान को तबाह करने का काम करते थे, वे आज कृषि कानून पर प्रवचन दे रहे हैं। जिन वामपंथियों का इतिहास किसानों और मजदूरों के बीच लड़ाई लगाने, जमीन हड़पने का रहा या वैसे राजनीतिक दल जो 1990 से 2005 के काल खंड में नक्सल आतंक, जातियता को बढ़ावा देकर किसान को पलायन करवाया आज उन्हें किसान के हित में कृषि सुधार कानून गलत लग रहा है। अपने खोए जनाधार को किसान आंदोलन के हमदर्द बनकर लौटने में लगे हैं। जबकि जब भाजपा नीत सरकार केंद्र में किसान का कल्याण हुआ और हो रहा है, सेठ साहूकार से मुक्त कर किसान क्रेडिट कार्ड अटल जी के सरकार में मिला, नरेंद्र भाई मोदी के सरकार में मंत्री नितिन गडकरी ने कृषि को एमएसएमई से जोड़ कर उद्योग का दर्जा दिया, वर्तनमान कृषि कानून पूर्ण रूप से किसान के आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के ख्याल से किया गया, ओपेन डिजिटल मार्केट, मंडी की व्यवस्था की जा रही है, बिचौलियों एवं सेस अधिभार से मुक्त जहां दाम अच्छा वहाँ बेचने एवं कृषि उत्पादन को भंडारण की छूट, कॉन्टेक्ट के तहत उपज से पहले मूल्य तय करना क्या किसान के लिए फायदेमंद होने जा रहा है, वहीं किसान संगठन आंदोलन कर रहे हैं। आंदोलनकारी किसानों से सरकार सहानुभूति पूर्वक एवं सार्थक वार्ता कर रही है। जो कानून में खामी है, सरकार हटाने को तैयार है। जिसका परिणाम रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह एवं कृषि मंत्री तोमर के साथ वार्ता के बाद हरियाणा के एक किसान यूनियन ने आंदोलन वापस के लिया। कई संगठनों ने कृषि कानून का समर्थन किया। जिस तरह दिल्ली नोयडा का चिल्ला बॉर्डर से आंदोलन कारी हटे उसी तरह उम्मीद है कि अति शीघ्र किसान संतुष्ट होकर ओर कुछ जरूरी सुधार के साथ किसान आंदोलन वापस लेंगे। तरारी की इस बैठक में किसान परिवार से जुड़े भाजपा कार्यकर्ता सुबोध कुमार एवं धनंजय शर्मा मौजूद रहे। भाजपा गांव-गांव जाकर किसान परिवार के बीच पंचायत करेगी।

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