सरगावां पंचायत के केसौर गांव में आठ की मौत, 20 पॉजिटिव
औरंगाबाद। कोरोना की दूसरी लहर गांवों में कहर बरपा रही है। स्थिति यह है कि गांवों में ग्रामीण मर रहे हैं और अधिकारी सोए हुए हैं। ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधा का लाभ नहीं मिल रहा है। नक्सल प्रभावित देव प्रखंड के सरगावां पंचायत के केसौर गांव में कोरोना से ग्रामीणों की लगातार मौत हो रही है परंतु अधिकारी सुध लेने भी गांव नहीं पहुंच रहे हैं। शनिवार को गांव में सन्नाटा पसरा था। कई घरों से रोने की आवाज आ रही थी। 30 दिनों में 08 ग्रामीणों की मौत से गांव की गलियां सुनी हो गई है। पूर्व मुखिया बिनोद कुमार सिंह सियाराम सिंह जितेंद्र सिंह एवं रामजन्म पांडेय ने बताया कि 20 से अधिक ग्रामीण पॉजिटिव हैं। कई परिवार कोरोना की चपेट में हैं। कुछ का इलाज हो रहा है कुछ गांव में क्वारंटाइन हैं। कोरोना संक्रमितों की संख्या जब गांव में बढ़ने लगी तो 15 दिन पहले अधिकारी पहुंचे और बांस-बल्ला लगाकर कंटेनमेंट जोन घोषित किया।
औरंगाबाद। कोरोना की दूसरी लहर गांवों में कहर बरपा रही है। स्थिति यह है कि गांवों में ग्रामीण मर रहे हैं और अधिकारी सोए हुए हैं। ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधा का लाभ नहीं मिल रहा है। नक्सल प्रभावित देव प्रखंड के सरगावां पंचायत के केसौर गांव में कोरोना से ग्रामीणों की लगातार मौत हो रही है, परंतु अधिकारी सुध लेने भी गांव नहीं पहुंच रहे हैं। शनिवार को गांव में सन्नाटा पसरा था। कई घरों से रोने की आवाज आ रही थी। 30 दिनों में 08 ग्रामीणों की मौत से गांव की गलियां सुनी हो गई है। पूर्व मुखिया बिनोद कुमार सिंह, सियाराम सिंह, जितेंद्र सिंह एवं रामजन्म पांडेय ने बताया कि 20 से अधिक ग्रामीण पॉजिटिव हैं। कई परिवार कोरोना की चपेट में हैं। कुछ का इलाज हो रहा है कुछ गांव में क्वारंटाइन हैं। कोरोना संक्रमितों की संख्या जब गांव में बढ़ने लगी तो 15 दिन पहले अधिकारी पहुंचे और बांस-बल्ला लगाकर कंटेनमेंट जोन घोषित किया। प्रतिबंधित क्षेत्र का बोर्ड लगाकर गायब हो गए। गांव को कंटेनमेंट जोन घोषित करने के बाद से अधिकारी नहीं आए हैं। ग्रामीण सियाराम साव फफक रहे थे। कहने लगे कि मेरा 15 वर्ष का बेटा बबलू कुमार नहीं रहा। चार दिन पहले उसकी मौत हो गई। बताया कि उसे सर्दी, बुखार के साथ सिर में दर्द था। अचानक सांस लेने में दिक्कत होने लगी। घर से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र देव ले गए तो वहां से चिकित्सकों ने रेफर कर दिया। सदर अस्पताल औरंगाबाद पहुंचने से पहले बेटे की मौत हो गई। ग्रामीणों ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग से दो नर्स एक दिन 20-25 किट लेकर जांच करने पहुंचे, उसके बाद से कोई नहीं आया है। गांव में कोरोना के लगातार संक्रमित मिल रहे हैं जिस कारण दहशत का माहौल है। पास के गांवों में भी कोरोना का फैलाव तेजी से हो रहा है। 30 दिनों में जिन ग्रामीणों की गई जान
देव प्रखंड के केसौर गांव में कोरोना की दूसरी लहर में आठ ग्रामीणों की मौत हुई है। पूर्व मुखिया बिनोद कुमार सिंह एवं अपना बेटा गंवा चुके सियाराम साव ने बताया कि 250 घर के गांव में कोरोना का फैलाव तेजी हो रहा है। जागरूकता के अभाव में ग्रामीण कोरोना जांच नहीं करा पाते हैं। कोरोना काल में गिरजा ठाकुर (55 वर्ष), श्यामबिलास ठाकुर (70 वर्ष), बुधन पासवान (75 वर्ष), सम्रजिया कुंवर (80 वर्ष), सोनवा देवी (70 वर्ष), कौशल्या कुंवर (65 वर्ष), गजाधर यादव (71 वर्ष) एवं बबलू कुमार (15 वर्ष) की मौत हुई है। जिन ग्रामीणों की मौत हुई है उनमें कोरोना के लक्षण थे। दो का कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव था और अन्य ग्रामीणों की जांच नहीं हो पाई थी। ग्रामीणों की मानें तो एक ही दिन गांव में चार ब्रह्मभोज (श्राद्ध कार्यक्रम) था। हर घर से सिर्फ रोने की आवाज आ रही थी। 50 से अधिक ग्रामीणों को सर्दी-बुखार
ग्रामीणों ने बताया कि गांव में 50 से अधिक ग्रामीणों को सर्दी, खांसी एवं बुखार है। वे पीड़ित हैं परंतु सुविधा के अभाव में जांच नहीं करा सकते हैं। गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम नहीं पहुंच रही है जिस कारण कोरोना जांच नहीं हो पा रहा है। ग्रामीणों को कोरोना जांच कराने के लिए चार किलोमीटर दूर देव आना होगा तभी उनकी जांच हो पाएगी। सरागावां पंचायत के केसौर गांव में ग्रामीणों की मौत हुई है। कितने ग्रामीण मरे हैं यह हम अभी नहीं बता सकते। गांव में कोरोना पॉजिटिव की संख्या बढ़ रही है। इस गांव को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है। गांव से बाहर आने-जाने पर पाबंदी है। ग्रामीणों को कोरोना के प्रति जागरूक किया जा रहा है। ग्रामीण वैक्सीन नहीं ले रहे हैं जिस कारण भी कोरोना का फैलाव हो रहा है। ग्रामीणों को वैक्सीन लेने के लिए जागरूक किया जा रहा है। आशुतोष कुमार, सीओ, देव, औरंगाबाद।