रक्तदान कर मनाई डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती
भाजपा के साथ स्वास्थ्य विभाग के द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बुधवार को रक्तदान शिविर आयोजित की गई। जनसंघ के संस्थापक डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की याद में कार्यकर्ताओं ने रक्तदान किया। इसी दौरान डीएम सौरभ जोरवाल अस्पताल का निरीक्षण करने अचानक पहुंच गए। रक्तदान शिविर में शामिल हुए। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता सह पूर्व विधायक मनोज शर्मा भी शिविर में पहुंचे। डीएम ने रक्तदान शिविर को सराहनीय कदम बताया।
हसपुरा (औरंगाबाद) । भाजपा के साथ स्वास्थ्य विभाग के द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बुधवार को रक्तदान शिविर आयोजित की गई। जनसंघ के संस्थापक डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की याद में कार्यकर्ताओं ने रक्तदान किया। इसी दौरान डीएम सौरभ जोरवाल अस्पताल का निरीक्षण करने अचानक पहुंच गए। रक्तदान शिविर में शामिल हुए। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता सह पूर्व विधायक मनोज शर्मा भी शिविर में पहुंचे। डीएम ने रक्तदान शिविर को सराहनीय कदम बताया। कहा कि रक्तदान महादान है। रक्तदान में युवाओं का आगे आना बेहतर है। पूर्व विधायक ने रक्तदान किया। इस दौरान उन्होंने ऐसे कार्यकर्मो में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने के लिए कार्यकर्ताओं से अपील की। आपात स्थिति में खून की आपूर्ति के लिए लोगों को रक्तदान के लिए आगे आना चाहिए। विधायक के बाद भाजपा के मंडल अध्यक्ष अमन कुशवाहा, चितरंजन सिंह, राजू भारती, विजेता पटेल, वीरेंद्र कुमार, धर्मेंद्र कुमार लाला, मनीष पांडेय, दीपक कुमार, बबलू कुमार ने रक्तदान किया। कहा कि शिविर का आयोजन जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी की याद में किया गया है। मुखिया चुनु शर्मा, सुरेश आर्य, बिनोद शर्मा, रविशंकर शर्मा, अनिल आर्य, मुखिया प्रतिनिधि राकेश कुमार ने सहयोग किया। शिविर में अस्पताल के प्रभारी डा. मीना राय, प्रबंधक रवि प्रकाश के साथ स्वास्थ्यकर्मी सक्रिय दिखे। प्रभारी ने कहा कि प्रत्येक स्वस्थ व्यक्ति को अनिवार्य रूप से रक्तदान करना चाहिए। जयंती पर याद किए गए जनसंघ के संस्थापक डा. मुखर्जी
दाउदनगर (औरंगाबाद) । जनसंघ के संस्थापक डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती बुधवार को मनाई गई। उनके योगदानों को याद किया गया। शमशेर मंडल के नेताओं ने ग्राम नोनार में मंडल अध्यक्ष जगन्नाथ शर्मा के नेतृत्व में उपाध्यक्ष भरत पाठक के कार्यालय में पुष्पांजलि अर्पित का कार्यक्रम किया। सभी ने कहा कि देश में सबसे पहले डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने एक देश में दो विधान दो निशान नहीं चलेगा का नारा दिया था। वे शिक्षाविद के रूप में विख्यात थे। प्रिस पाठक ने कहा कि उन्होंने अलख जगाने के उद्देश्य से राजनीतिक में प्रवेश किया। सच्चे अर्थों में मानवता के उपासक और सिद्धांत के पक्के व्यक्ति थे। मनु मिश्रा ने कहा कि डा. मुखर्जी कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बनाना चाहते थे। उस समय जम्मू कश्मीर का झंडा और संविधान अलग था। वहां के मुख्यमंत्री (वजीरे आजम) प्रधानमंत्री कहलाते था। उपाध्यक्ष भरत पाठक ने कहा कि मुखर्जी ने बिना परमिशन 1953 में जम्मू कश्मीर की यात्रा की। उन्हें गिरफ्तार कर नजरबंद कर लिया गया और 23 जून 1953 को रहस्यमय परिस्थितियों में उनकी मृत्यु हो गई। राघव शर्मा, रामजी ठाकुर, वशिष्ठ मुनि प्रजापति, अभिषेक मालाकार, नीरज रावत, सौरव सुमन, वार्ड 20 के सदस्य सोनू कुमार मिश्र उपस्थित रहे।