पंचायतीराज में जिला परिषद है महत्वपूर्ण अंग : आयुक्त
मगध आयुक्त जितेंद्र श्रीवास्तव मंगलवार को औरंगाबाद पहुंचे।
औरंगाबाद। मगध आयुक्त जितेंद्र श्रीवास्तव मंगलवार को औरंगाबाद पहुंचे। जिला परिषद पहुंचे और कार्यालय कक्ष में जिला परिषद के आय और व्यय की समीक्षा की। जिला परिषद को सरकार से आवंटन और खर्च की जानकारी ली। परिसंपत्तियों की समीक्षा की। फाइलों को देखा। समीक्षा के दौरान पाया कि जिला परिषद की स्थित ठीक नहीं है। आयुक्त ने डीएम कंवल तनुज एवं डीडीसी संजीव ¨सह को कई निर्देश दिया। रिकार्ड का रख रखाव सही तरीके से करने का निर्देश दिया। समीक्षा के बाद सभाकक्ष में जिला परिषद सदस्यों के साथ बैठक की। संबोधित करते हुए कहा कि जिला परिषद पंचायतीराज के एक महत्वपूर्ण अंग है। इसकी जितनी परिसंपत्ति है उसके अनुसार विकास नहीं हो रहा है। कहा कि कई योजनाओं का कार्यान्वयन जिला परिषद के तहत होती है। बेहतर मॉनेट¨रग और ध्यान नहीं देने के कारण जिला परिषद का आय बढ़ नहीं रहा है। आयुक्त ने सदस्यों से जिला परिषद को आत्मनिर्भर बनाने की बात कही। पार्षदों से क्षेत्र की समस्याओं से अवगत हुए। पार्षदों ने कहा कि जिप की बैठक में जो निर्णय लिया जाता है उसका अनुपालन नहीं हो पाता है। दाउदनगर में लंबे समय से अनुश्रवण समिति की बैठक नहीं होने का मामला उठाया। आयुक्त ने बैठक में लिए गए निर्णयों का अनुपालन और दाउदनगर में अनुश्रवण समिति की बैठक जल्द कराने का निर्देश दिया। अध्यक्ष नीतू ¨सह, उपाध्यक्ष महीपत राम, एसडीओ सुरेंद्र प्रसाद, निदेशक डीआरडीए शिवकुमार शैव, पार्षद सरोज देवी, शीला देवी, शंकर यादवेंदु, शशिभूषण विश्वकर्मा समेत अन्य पार्षद मौजूद रहे।
सलाना खर्च 1 करोड़ 90 लाख
मगध आयुक्त ने जिला परिषद की जमीन को सही तरीके से मूल्यांकन कर उसे रोजगारन्मुख बनाने की बात कही। कहा कि जिला परिषद का आय बढ़े और बेरोजगारों को रोजगार मिले। परिसंपत्ति को सही तरीके से लीज करने का निर्देश दिया। पार्षदों ने आयुक्त को बताया कि जिला परिषद का सालाना खर्च करीब 1 करोड़ 90 लाख है। पर आय करीब 90 लाख है। आयुक्त ने संपत्ति को नए सिरे से किराया निर्धारण करने को कहा।