सदन में उठी दाउदनगर को जिला बनाने की मांग
दाउदनगर (औरंगाबाद)। दाउदनगर को जिला बनाने का मुद्दा विधानसभा में गूंजा। बिहार विधानसभा में व
दाउदनगर (औरंगाबाद)। दाउदनगर को जिला बनाने का मुद्दा विधानसभा में गूंजा। बिहार विधानसभा में वर्षा कालीन सत्र के दौरान सोमवार को विधायक वीरेंद्र कुमार सिन्हा ने दाउदनगर को जिला बनाने का प्रस्ताव रखा। सदन में बोलते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि दाउदनगर अनुमंडल जिला बनने की शर्तों को पूरी करता है। पिछड़ा हुआ है, घनी आबादी है। चार प्रखंडों एवं 10 थानों से आच्छादित है। महत्वपूर्ण विभाग एवं संस्थाएं जैसे विद्युत प्रमंडल, सिचाई प्रमंडल, उप कोषागार, उप कारागार, निबंधन कार्यालय, रेलवे आरक्षण काउंटर, अनुमंडलीय अस्पताल, सरकारी एवं निजी मिलाकर अनुमंडल में 15 महाविद्यालय ग्रामीण कार्य प्रमंडल, एएनएम का प्रशिक्षण केंद्र, बीएड कॉलेज एवं छात्रावास, अनुमंडलीय व्यवहार न्यायालय स्थापित एवं कार्यरत है। दाउदनगर अनुमंडल के अंतिम छोर से औरंगाबाद की दूरी 75 किलोमीटर है। मुख्यमंत्री से ध्यान देते हुए जिला बनाने की मांग की है।
दाउदनगर का जानिए इतिहास
अंछा, गोह एवं मनौरा तीन महत्वपूर्ण परगना मुगलकाल में थे। इन तीनों परगनाओं को बादशाह औरंगजेब ने अपने सिपहसालार दाउद खां को पलामू फतह के बाद भेंट किया था। औरंगजेब ने दाउद खां को बिहार का नया सुबेदार नियुक्त किया था। संदर्भ ग्रंथ उत्कर्ष के अनुसार उसने इलाका विस्तार का अभियान 1660 में प्रारंभ किया एवं जिला गया का कोठी, औरंगाबाद जिला का कुंडा, एवं देवगन राज को फतह कर पलामू भी फतह कर लिया था। इसके बाद ही दाउद खां ने सिलौटा बखौरा को आबाद किया एवं नगर बसाया। यहां 1662 में दाउद खां ने अपना किला बनाना प्रारंभ किया था जो 1672 में पूर्ण हो सका था।