प्रसव कराने के नाम पर ऐठे जाते हैं रुपये
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव कराने आने वाली महिलाओं के परिजनों के साथ आर्थिक शोषण करने का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। प्रसव के बाद एएनएम
औरंगाबाद। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव कराने आने वाली महिलाओं के परिजनों के साथ आर्थिक शोषण करने का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। प्रसव के बाद एएनएम द्वारा पैसा लेना आम बात हो गई है। बड़ी आशा के साथ सरकारी अस्पताल में निशुल्क सुविधा को लेकर महिलाएं आती हैं परंतु यहां डयूटी में कार्यरत एएनएम का सिक्का चलता है। बगैर पैसा के प्रसव नहीं कराया जाता है। बताया जाता है कि शुक्रवार शाम मदनपुर प्रखंड के एरकीकला की फूलवंती कुंवर अपनी पुत्री सुधा कुमारी को प्रसव कराने अस्पताल पहुंची। शुक्रवार रात करीब 09.40 बजे लड़का पैदा हुआ। जो दाउदनगर थाना के भिनक बिगहा गांव की सूरज कुमार मेहता की पत्नी बताई जाती है। अपने मां के साथ मायके एरकीकला से प्रसव कराने आई थी। प्रसव के बाद एएनएम द्वारा पैसा की मांग की गई। कहा गया कि प्राइवेट में जाने पर ज्यादा पैसा लगता। पैसा नहीं देने पर काम नहीं करने की बात कहीं गई। अंतत: विवश होकर पांच पांच सौ के तीन नोट यानि 1500 रुपये एएनएम को फूलवंती ने दिया। सीएचसी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा. सत्यनारायण प्रसाद ने बताया कि पैसा लेने की सूचना हमें बताया गया है। रात में डयूटी पर रही एएनएम रीता कुमारी एवं सावित्री कुमारी थी। उनसे स्पष्टीकरण की मांग की जाएगी। साक्ष्य पाये जाने पर अनियमितता के खिलाफ वरीय अधिकारियों को अवगत कराया जाएगा। बताया कि अस्पताल में निशुल्क सुविधा दिया जाना है। किसी से पैसा लेना अवैध है। बता दें कि सरकार द्वारा प्रसव होने के बाद 1200 रुपये दिया जाता है। महिलाओं के परिवार से 1500 रुपये लिया जाना कहा तक सही है या गलत, निर्णय विभाग को करना है। यहां प्रसव कराने के बाद एएनएम द्वारा पैसा लेना कोई नई बात नहीं है। यहां हमेशा इस तरह की खबर देखने सुनने को मिलता है।एएनएम के खास लोगों के पैरवी पर मामला को शांत करा दिया जाता है। परंतु कुछ दिन बाद पैसा लेने की पुनरावृत्ति का दौर शुरू हो जाता है।