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मतगणना स्थल के बाहर समर्थकों की रही भीड़

चुनाव आयोग ने पंचायत चुनाव के मतगणना कराने के लिए भले ही तमाम पक्ष रखे कोविड नियमों का पालन करने के प्रति कटिबद्धता जताई पर मतगणना के दिन सारे दावे फेल दिखाई दिए। औरंगाबाद में मतगणना स्थल के बाहर मेला जैसा ²श्य रहा।

By JagranEdited By: Published: Wed, 01 Dec 2021 09:42 PM (IST)Updated: Wed, 01 Dec 2021 09:42 PM (IST)
मतगणना स्थल के बाहर समर्थकों की रही भीड़
मतगणना स्थल के बाहर समर्थकों की रही भीड़

जागरण संवाददाता, औरंगाबाद :

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चुनाव आयोग ने पंचायत चुनाव के मतगणना कराने के लिए भले ही तमाम पक्ष रखे, कोविड नियमों का पालन करने के प्रति कटिबद्धता जताई पर मतगणना के दिन सारे दावे फेल दिखाई दिए। औरंगाबाद में मतगणना स्थल के बाहर मेला जैसा ²श्य रहा। कोई प्रोटोकाल पर ध्यान नहीं दे रहा था। हसपुरा प्रखंड क्षेत्र की मतगणना का कार्य किशोरी सिन्हा महिला महाविद्यालय में किया जा रहा है। मतगणना आठ बजे प्रारंभ होनी थी परंतु अभिकर्ताओं की भीड़ गेट पर लगनी शुरू हो गई। जैसे-जैसे समय आगे बढ़ा मतगणना स्थल के निकट समर्थकों की भीड़ बढ़ती गई। दोपहर बाद तो यहां थोड़ी भी जगह नहीं बची थी। जैसे ही किसी के पक्ष में परिणाम आने की खबर मिलती, लोग एक-दूसरे से लिपट कर बधाई देते देखे गए।

खूब बिके फूल माला व लड्डू

सुबह 8.30 बजे ही मुखिया, पंचायत समिति एवं वार्ड सदस्य पद के परिणाम की घोषणा शुरू हो गई थी। परिणाम जैसे-जैसे आते गया वैसे-वैसे खूब फूलमाला व लड्डू की बिक्री हुई। बाहर स्टाल व हाथों में फूलमाला की बिक्री हो रही थी। जो जीतता वह अपने प्रत्याशी के साथ समर्थकों को भी फूलमाला पहनाते देखा गया। समर्थक एक-दूसरे में लड्डू बांटकर मुंह मीठा भी करते रहे। पल-पल की ली जाती रही थी जानकारी

पंचायत चुनाव की मतगणना को लेकर प्रत्याशी के समर्थक सुबह से ही परिणाम के इंतजार में दिखाई दिए। अंदर जिस किसी के पास मोबाइल रहा, उनको फोन मिलाकर पल-पल की अपडेट लेते रहे। कहां का इवीएम खुला, कौन सा डिब्बा खुला, किस उम्मीदवार को उसमें कितना मत मिला, इसकी लिखा-पढ़ी भी करते रहे। इंटरनेट मीडिया पर भी मतगणना की जानकारी लेने में लोग व्यस्त रहे। अमझर शरीफ पंचायत से मुखिया बनी पम्मी जागरण संवाददाता, औरंगाबाद : हसपुरा प्रखंड के 14 पंचायतों की मतगणना किशोरी सिन्हा महिला महाविद्यालय केंद्र पर सुबह आठ बजे से प्रारंभ हुआ। मतगणना को लेकर सुरक्षा का पुख्ता प्रबंध किया गया था। वरीय अधिकारी स्वयं केंद्र की हर गतिविधि पर नजर रखे हुए थे। 8.30 बजे पंचायत के मुखिया का पहला परिणाम घोषित हुआ। पीरू पंचायत की जनता ने गोपाल सिंह को जीत का ताज पहनाया। गोपाल ने जैद अहमद को पराजित किया। गोपाल को 1,078 एवं जैन को 1,443 मत मिले। अमझरशरीफ पंचायत से पम्मी कुमारी विजेता बनी हैं। पम्मी ने नसीमा खातून को पराजित किया। पम्मी को 1,561 एवं नसीमा को 1,147 मत मिले। पुरहारा पंचायत में कांटे का संघर्ष रहा। फुरकान खान 1,524 मत लाकर विजेता बने। दूसरे नंबर पर रहे राजकुमार को 1,515 मत मिले। यहां मात्र नौ मतों से जीत हासिल हुई। डिडिर पंचायत से मुन्रा कुमार 1,676 मत लाकर विजेता बने हैं। दूसरे स्थान पर रहे प्रमोद कुमार को 1,617 मत मिले हैं। यहां हार-जीत का अंतर मात्र 59 मतों से रहा। मलहारा पंचायत से 1,038 मत लाकर संतोष कुमार विजेता बने। यहां भी अजय यादव को 1,013 मत मिले। यानी कि 25 मत से संतोष मुखिया बनने में सफल रहे। डुमरा से सत्यभामा देवी 2,087 मत लाकर मुखिया बनी हैं। रीना कुमारी को 1,531 मत मिले। ईटवां पंचायत से राकेश कुमार ने 1,826 मत लाकर जीत हासिल किया है। प्रमोद कुमार चौधरी को 1,380 मत मिले। हसपुरा पंचायत से संगीता देवी विजेता बनी हैं। संगीता को 2,178 मत मिले। दूसरे नंबर पर रही सबनम आरा को 1,966 मत मिले। अब तक के परिणामों से यह साफ है कि जनता ने नए चेहरों पर भरोसा जताया है। अधिकांश पुराने मुखिया चुनाव हार गए।


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