चोरी की प्राथमिकी पर कोर्ट ने उठाया सवाल
अमूमन किसी घटना के बाद पीड़ित की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज करने से कतराने वाली पुलिस के द्वारा चोरी के मामले में दर्ज की गई प्राथमिकी पर सवाल उठ रहे हैं। मामला कुटुंबा थाना का है। चोरी का मामला हनेया गांव का है।
अमूमन किसी घटना के बाद पीड़ित की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज करने से कतराने वाली पुलिस के द्वारा चोरी के मामले में दर्ज की गई प्राथमिकी पर सवाल उठ रहे हैं। मामला कुटुंबा थाना का है। चोरी का मामला हनेया गांव का है। हनेया गांव निवासी साधु पासवान के घर 17 नवंबर को चोरी की तथाकथित घटना घटी। चोरी के इस मामले में घर मालिक के द्वारा थाना में कोई आवेदन नहीं दिया गया, न ही चोरी की सूचना पुलिस को दी गई। जब घर मालिक के द्वारा चोरी मामले में कोई आवेदन थाना में नहीं दिया तो पुलिस के द्वारा चौकीदार के बयान पर करीब 22 दिन बाद क्यों प्राथमिकी दर्ज की गई इसपर कोर्ट में पुलिस पर सवाल उठाया जा रहा था। मामले में गांव के ही छोटू पासवान नामजद अभियुक्त बना है। मामले में चौकीदार रामगंगा प्रकाश के बयान पर थानाध्यक्ष ने नौ दिसंबर को प्राथमिकी दर्ज की है। चौकीदार ने प्राथमिकी में लिखा है कि क्षेत्र भ्रमण के दौरान पता चला कि साधु पासवान के घर चोरी हो गई है। सूचना पर जब उसके घर पहुंचा तो देखा कि घर के बाहर खेत में बक्सा फेंका हुआ है। साधु की पत्नी से जब चोरी गए सामान के बारे में पूछा तो बताया गया कि कपड़ा, कुछ नगदी समेत अन्य सामान चोरी गई है। थाना में चोरी का आवेदन देने को कहा गया तो साधु की पत्नी के द्वारा आवेदन नहीं दिया गया।