दाउदनगर में बनेगा सिविल कोर्ट, कृषि फॉर्म की जमीन में होगा निर्माण
औरंगाबाद। दाउदनगर अनुमंडल मुख्यालय में सिविल कोर्ट एवं न्यायिक पदाधिकारियों का आवास बनेगा।
औरंगाबाद। दाउदनगर अनुमंडल मुख्यालय में सिविल कोर्ट एवं न्यायिक पदाधिकारियों का आवास बनेगा। इसके लिए दाउदनगर के कृषि फॉर्म की जमीन को देखी गयी है। समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में गुरुवार को डीएम सौरभ जोरवाल ने राजस्व की समीक्षा बैठक में कोर्ट एवं जजों के आवास के निर्माण के लिए जमीन का सीमांकन पर चर्चा की।
डीएम ने सीओ को निर्देश दिया की इस मामले को हाइकोर्ट मॉनेटरिग कर रहा है इसे देखते हुए कृषि फॉर्म की जमीन का जल्द सीमांकन करा भवन निर्माण विभाग को सुपुर्द किया जाए ताकि कोर्ट और न्यायिक पदाधिकारियों के आवास का निर्माण शुरू हो सके। एडीएम आशिष कुमार सिन्हा ने बताया की दाउदनगर में सिविल कोर्ट एवं न्यायिक पदाधिकारियों (जज) के आवास बनाने के लिए कृषि फॉर्म की जमीन को लिया गया है और बैठक में जमीन का सीमांकन जल्द कराने का निर्देश सीओ को दिया गया है। सीमांकन होते ही जमीन को भवन निर्माण विभाग को सौंप दिया जाएगा। एडीएम ने बताया की बैठक में दाउदनगर एवं नवीनगर में बनने वाली पावर ग्रिड, जिले में बनने वाली पिछड़ा जाति कल्याण छात्रावास एवं सदर प्रखंड के बभंडीह में संचालित केंद्रीय विद्यालय के लिए जमीन को चिन्हित करते हुए जल्द रिपोर्ट देने का निर्देश संबंधित अंचलों के सीओ को दिया गया है। केंद्रीय विद्यालय के लिए सदर अंचल में ही जमीन की तलाश की जा रही है। बताया की बैठक में डीएम के द्वारा हाइकोर्ट में लंबित एमजेसी के मामले की समीक्षा की गई जिसमें पाया गया की 6 मामला लंबित है। सदर अंचल, गोह एवं दाउदनगर में मामला लंबित है। अंचल के सीओ को लंबित मामले को निष्पादित कराने को कहा गया है। आपदा प्रबंधन की समीक्षा में पाया गया की किसी भी दुर्घटना या आपदा में मरने वालों के आश्रितों को 4 लाख मुआवजा अंचल अधिकारियों के द्वारा दी जाती है। समीक्षा में पाया गया की अंचलों में आवंटन नहीं है और बीडीओ से राशि लेकर मुआवजा का भुगतान किया जा रहा है। जो राशि बीडीओ से मुआवजा के लिए ली गई है उस राशि को सामंजन कराने का निर्देश दिया गया है। एडीएम ने बताया की निलंबित राजस्व कर्मचारी रविद्र सिंह के खिलाफ प्रपत्र क गठित करने की कार्रवाई डीएम के द्वारा की गई है। बैठक में सभी सीओ मौजूद रहे।