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जीएसटी समझ नहीं पाए कारोबारी अब जुर्माना की बारी

जहानाबाद। केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का पेंच नहीं समझने वाले कारोबारी बुरे फंस गए हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 10 Jan 2021 10:55 PM (IST)Updated: Sun, 10 Jan 2021 10:55 PM (IST)
जीएसटी समझ नहीं पाए कारोबारी अब जुर्माना की बारी
जीएसटी समझ नहीं पाए कारोबारी अब जुर्माना की बारी

जहानाबाद। केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का पेंच नहीं समझने वाले कारोबारी बुरे फंस गए हैं। मासिक और त्रैमासिक रिटर्न दाखिल नहीं करने के कारण जहानाबाद और अरवल जिले में करीब 146 लोगों का जीएसटी नंबर रद कर दिया गया है। ऐसे कारोबारी कोई धंधा नहीं कर सकेंगे। धीरे-धीरे जीएसटी नंबर लेकर रिटर्न फाइल नहीं करने वाले व्यवसायियों पर शिकंजा कसता जा रहा है। कुछ ऐसे भी व्यापारी का जीएसटी रद किया गया जो खाता खोलवाने के लिए नंबर लिया था। जीएसटी नंबर के माध्यम से रिटर्न फाइल करने का दो तरह के पैमाना तय किया जाता है। व्यापारी व्यवसाय के अनुसार रिटर्न फाइल करने का विकल्प पसंद करते हैं। कोई महीने में तो किसी व्यापारी द्वारा क्वार्टर में जमा करते हैं। महीने में जमा करने वाले व्यापारी को छह महीने तथा क्वार्टर में फाइल करने वाले को तीन क्वार्टर का समय दिया जाता है। यदि इसके बाद भी रिटर्न फाइल नहीं किया जाता है तो कर आयुक्त द्वारा नोटिस जारी कर आगाह किया जाता है। नोटिस के जवाब नहीं मिलने पर कारोबारियों का निबंधन रद कर दिया जाता है। हालांकि इस वर्ष कोविड-19 के संक्रमण के कारण व्यापारियों को दस माह का समय दिया गया था। फिर भी अपना रिटर्न फाइल दाखिल करना मुनासिब नहीं समझे। जिसके कारण इन व्यापारियों का निबंधन रद कर दिया गया है।

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जहानाबाद और अरवल जिले में 4800 व्यापारियों द्वारा जीएसटी नंबर ले रखे हैं। इन व्यापारियों से इस वित्तीय वर्ष में 36 करोड़ रुपये टैक्स के रूप में वसूल किया गया है। प्रत्येक महीने तीन करोड़ राजस्व की वसूली की जाती है। इनसेट

व्यापारी रिटर्न फाइल से अधिक पेनाल्टी देना श्रेयस्कर समझ रहे हैं। व्यापारी इस उम्मीद से पेनाल्टी भर रहे कि भविष्य में व्यापार में वृद्धि हो सकता है। कोरोना संक्रमण के कारण व्यापार मंदा चल रहा है। ऐसे में व्यापारियों के समक्ष दुविधा कायम है। समय से रिटर्न नहीं भरने वाले व्यापारियों को दो तरह का पेनाल्टी भरना पड़ता है। महीने में टैक्स भरने वाले व्यापारी को 20 रुपये और त्रैमासिक में टैक्स रिटर्न भरने वालों को 50 रुपये प्रत्येक दिन जुर्माना भरना पड़ता है। इनसेट

कराधान विवाद समाधान योजना का उठाएं लाभ

जीएसटी नंबर धारी व्यापारियों के लिए कराधान विवाद समाधान योजना का संचालन किया जा रहा है। इस योजना के माध्यम से व्यापारियों को सभी प्रकार के शास्ति, जुर्माना, ब्याज के बकाया में 90 फीसद तक की छूट का प्रावधान है। इसके अलावा किसी भी वैधानिक प्रमाण पत्र, घोषणा पत्र प्रस्तुत करने पर इससे संबंधित सृजित बकाया कर से 100 फीसद छूट मिलता है। अन्य निर्धारित कर में 65 फीसद तक छुट पा सकते हैं। आयुक्त ने बताया कि विवाद के समाधान के लिए जमा की जाने वाली राशि में पूर्व में जमा राशि को घटाया जाता है। उन्होंने व्यापारियों से इस योजना का लाभ उठाने की अपील की। आयुक्त ने कहा कि यदि किसी व्यापारी को कोई समस्या हो तो वे स्वयं कार्यालय में आकर जानकारी हासिल कर सकते हैं।


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