हम तो लिखबे करब पुस्तक का लोकार्पण
जनवादी लेखक संघ के तत्वावधान में रविवार को हसपुरा में मगही कविता संग्रह पुस्तकहम तो लिखबे करबका लोकार्पण किया गया। यह लोकार्पण पुस्तक के लेखक
औरंगाबाद। जनवादी लेखक संघ के तत्वावधान में रविवार को हसपुरा में मगही कविता संग्रह पुस्तक 'हम तो लिखबे करब' का लोकार्पण किया गया। यह लोकार्पण पुस्तक के लेखक राजेश कुमार विचारक के नवनिर्मित आवास के गृहप्रवेश व डॉ. भीमराव आंबेडकर की जयंती के मौके पर हुआ। अध्यक्षता पूर्व प्रमुख आरिफ रिजवी, सिराजुद्दीन खां, प्रो. अलखदेव प्रसाद 'अचल'संचालन शंभूशरण सत्यार्थी ने किया। विचारक ने अतिथियों को माला व बुके देकर सम्मानित किया गया। स्वागत भाषण में लेखक राजेश कुमार विचारक ने अपनी कविता के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। कहा कि यदि इससे समाज के लोग प्रेरित हुए तो मेरी यह पुस्तक सार्थक होगी। पुस्तक के माध्यम से समाज में परिवर्तन लाने का बेहतर संदेश दिया गया। मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद पूर्व विधायक एनके नंदा ने कहा कि यह पुस्तक समाज को एक नई दिशा प्रदान करेगी। आज समाज को इस तरह की पुस्तकें की जरूरतें हैं। पूर्व विधायक केडी यादव ने कहा कि मन में नई सोच रखने वाला ही समाज के लिए कुछ नया करते हैं और संघर्ष करते हैं। इसका यह विचारक भी एक उदाहरण साबित होंगे। पूर्व प्रमुख आरिफ रिजवी ने कहा कि लिखने से भी ज्यादा महत्व यह रखता है कि जो लिखें वह अधिकाधिक लोगों के लिए उपयोगी हो। सेराजुद्दीन खां ने कहा कि पूंजीवाद ने पाठकों को किताबों से ही काट दिया है। प्रो. अलखदेव प्रसाद'अचल'ने कहा विचारक का काव्य संकलन विचारों का तेज है जिससे समाज को एक नयी दिशा मिलने की संभावना है। लोकार्पण समारोह को रविनंदन, पूर्व उपप्रमुख अनिल आर्य ने भी पुस्तक की विशेषताओं पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर पूर्व मुखिया विजय कुमार'अकेला', संतोष कुमार अधिवक्ता, नंदकिशोर सिंह, सत्यदेव सिंह, विजय प्रसाद, जयराम सिंह, राहुल कुमार, समेत कई लोग उपस्थित रहे।