2549 की जांच में 43 का रिपोर्ट संक्रमित, 95 हुए स्वस्थ
जिले में कोरोना की रफ्तार बढ़ती जा रही है। राहत की बात यह है कि स्वस्थ्य होने वाले की संख्या में इजाफा हुआ है। मंगलवार को जिले में 2549 सैंपल की जांच की गई जिसमें 43 का रिपोर्ट संक्रमित मिला है। एंटिजन किट से जांच में सात एवं आरटीपीसीआर में 36 संक्रमितों की पहचान हो पाई। जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम डा. कुमार मनोज ने बताया कि जिले में 397 केस एक्टिव हैं।
जागरण संवाददाता, औरंगाबाद : जिले में कोरोना की रफ्तार बढ़ती जा रही है। राहत की बात यह है कि स्वस्थ्य होने वाले की संख्या में इजाफा हुआ है। मंगलवार को जिले में 2549 सैंपल की जांच की गई जिसमें 43 का रिपोर्ट संक्रमित मिला है। एंटिजन किट से जांच में सात एवं आरटीपीसीआर में 36 संक्रमितों की पहचान हो पाई। जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम डा. कुमार मनोज ने बताया कि जिले में 397 केस एक्टिव हैं। सभी को देखरेख में इलाज चल रहा है। होम क्वारंटाइन होकर ये सभी मरीज दवा खा रहे हैं। बताया कि हसपुरा के पनपुरा, दाउदनगर के बिराई, औरंगाबाद के बघोई खुर्द, पिपरडीह, रजोई, न्यू एरिया, मंजुराही, कामा बिगहा, सत्येंद्र नगर, परसा, कोयल खाप, नाउर एवं देव के सीआरपीएफ कैंप विश्रामपुर के कर्मी का रिपोर्ट पाजिटिव मिला है। डीपीएम ने कहा कि बढ़ते मामले को लेकर संभलने की जरूरत है। शारीरिक दूरी का पालन करते हुए मास्क का नियमित उपयोग करें। बता दें कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच बाजार में भीड़ कम नहीं हो रही है। सड़कों पर जाम लगे रह रहे हैं। शारीरिक दूरी का कोई पालन नहीं हो रहा है। रमेश चौक से धर्मशाला चौक तक जाने में आधे घंटे से ज्यादा समय लग रहे हैं। भीड़ को देखते हुए स्थिति भयावह नजर आ रही है।
73,050 की जगह 36,549 की हुई कोरोना जांच जागरण संवाददाता, औरंगाबाद : जिले में प्रतिदिन कोविड संक्रमितों की संख्या बढ़ती जा रही है। इस समय संक्रमितों को समय से चिन्हित नहीं करने की स्थिति में सामाजिक रूप से कोरोना फैल रहा है। जिले में लक्ष्य के अनुसार कोरोना सैंपल की जांच नहीं हो रही है। सात से 17 जनवरी तक आरटीपीसीआर, टूनट एवं एंटिजन किट से 73,050 लोगों की सैंपल जांच करने का लक्ष्य रखा था परंतु मात्र 36,549 की जांच संभव हो पाई। यानी कि स्वास्थ्य विभाग लक्ष्य के करीब भी नहीं पहुंच सका। कोरोना जांच को लेकर अब भी लोग जागरूक नहीं हैं। कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रोन के खतरे के बीच भी सिस्टम की सुस्ती नहीं टूट रही है। निर्धारित लक्ष्य से कम कोरोना की जांच हो रही है।