पशु अस्पतालों में 35 की जगह 14 चिकित्सक कार्यरत
औरंगाबाद। जिले के पशु अस्पतालों में चिकित्सक का पद खाली पड़ा है। हालत यह है कि जिले के सभी 11 प्रखंडों में पशु चिकित्सा पदाधिकारी का पद खाली पड़ा है। प्रभार के भरोसे काम चलाया जा रहा है। जिले में कुल 35 पशु अस्पताल संचालित हैं। इसमें 14 भ्रमणशील पशु चिकित्सक कार्यरत हैं। शेष 21 पशु अस्पतालों में पशु चिकित्सकों का पद रिक्त है।
औरंगाबाद। जिले के पशु अस्पतालों में चिकित्सक का पद खाली पड़ा है। हालत यह है कि जिले के सभी 11 प्रखंडों में पशु चिकित्सा पदाधिकारी का पद खाली पड़ा है। प्रभार के भरोसे काम चलाया जा रहा है। जिले में कुल 35 पशु अस्पताल संचालित हैं। इसमें 14 भ्रमणशील पशु चिकित्सक कार्यरत हैं। शेष 21 पशु अस्पतालों में पशु चिकित्सकों का पद रिक्त है।
सरकार का ध्यान पशु अस्पतालों की ओर नहीं है, अगर पशु अस्पतालों में चिकित्सकों को बहाल कर दिया जाए तो बीमार पशुओं के इलाज के लिए भाग-दौड़ करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। जहां अस्पताल में चिकित्सक हैं वहां के पशुपालक अपनी पशुओं का इलाज कराते हैं। जिस अस्पताल में चिकित्सक बहाल नहीं है वहां पशुओं को इलाज की सुविधा पशुपालकों को नहीं मिल रही है। प्रैक्टिस वाले चिकित्सक से ग्रामीणों को काम चलाना पड़ता है। दोहरी भार झेल रहे चिकित्सक
पशु चिकित्सकों की कमी के कारण एक ही चिकित्सक को दूसरे अस्पताल का प्रभारी बनाया गया है। ऐसी स्थिति में पशु चिकित्सकों को दोहरी भार झेलनी पड़ रही है। एक स्थान पर पदस्थापित चिकित्सक दूसरी जगह पर ड्यूटी करने जाते हैं। एक चिकित्सक को दो से तीन अस्पताल का प्रभार दिया गया है। 21 पशु चिकित्सकों का पद खाली :
जिले के 35 पशु चिकित्सालय अस्पतालों में सिर्फ 14 पशु अस्पतालों में ही पशु चिकित्सक पदस्थापित है। इसमें 21 पशु चिकित्सकों का पद खाली है। मदनपुर, जम्होर, कुटुंबा, देव, गोह, शिवगंज, देवकुंड, मिर्जापुर, फेसर, रूकुंदी, दाउदनगर, टंडवा, शमशेरनगर में एक-एक चिकित्सक पदस्थापित हैं। इसके अलावा एक मोबाइल चिकित्सक पदस्थापित हैं। कहा-कहां नहीं हैं पशु चिकित्सक
औरंगाबाद जिले के डिहरा, बारुण, हसपुरा, भदवा, ओबरा, सिरिस, देवहरा, हसपुरा, रफीगंज, नवीनगर, संसा, सिमरा जफराबाद, डुमरी, जयहिद तेंदुआ, सुंदरगंज समेत 21 अस्पतालों में चिकित्सक पदस्थापित नहीं है। यहां पद रिक्त है। पशुओं के इलाज के लिए ग्रामीण भटकते रहते हैं। प्रखंड पशुपालन पदाधिकारी के सभी पद रिक्त
औरंगाबाद जिले के 11 प्रखंड में प्रखंड पशुपालन पदाधिकारी का 11 पद स्वीकृत है। एक भी प्रखंडों में प्रखंड पशुपालन पदाधिकारी पदस्थापित नहीं हैं। प्रखंड पशुपालन पदाधिकारी के कमी के कारण कोई काम समय से नहीं हो पता है। स्थिति यह है कि इसका खामियाजा ग्रामीणों के साथ विभाग को भी भुगतना पड़ रहा है। खाली पड़े पद पर विभाग के द्वारा बहाली नहीं की जा रही है। कहते हैं अधिकारी-
पशुपालन विभाग में चिकित्सकों की कमी है। चिकित्सकों के न रहने के कारण पशुपालकों को इलाज में परेशानी होती है। विभाग को चिकित्सक को बहाल करने की जरूरत है। प्रखंडों में प्रभार के भरोसे काम चलाया जा रहा है।
डा. अनिल कुमार, जिला पशुपालन पदाधिकारी, औरंगाबाद।