मगध की विरासत गौरवशाली : विकास वैभव
अरवल मगध की विरासत गौरवशाली रही है। ज्ञान की यह धरती अपने शौर्य के लिए जानी जाती है।
अरवल : मगध की विरासत गौरवशाली रही है। ज्ञान की यह धरती अपने शौर्य के लिए जानी जाती है। इसकी विरासत को आगे बढ़ाने के लिए युवा पीढ़ी आगे आएं। उक्त बातें रविवार को आइजी सह गृह विभाग के विशेष सचिव विकास वैभव ने कही। वे यहां संजय शर्मा द्वारा संपादित मगध विरासत भाग एक पुस्तक के विमोचन समारोह में भाग लेने आए थे। उन्होंने कहा कि मगध की विरासत पर चितन करने की आवश्यकता है। मगध का अतीत खंडहर या कहानी का हिस्सा नही है बल्कि देश व दुनिया को कई संदेश देना का काम किया है। यहां सक्षम व्यक्ति को सम्मान मिलता था। ऐसा अतीत बताता है। मगध की यह धरती मानव को मानव से जोड़कर उस समय सड़क संचार व प्राद्यौगिकी जैसी कोई संसाधन नही था उस समय भी मगध का साम्राज्य अफगानिस्तान से लेकर पूरे भारत में फैलकर अखंड भारत का निर्माण किया था। उस समय जाति तो थी लेकिन जातिवाद इस तरह हावी नही था।जातियों के नाम पर संघर्ष करते रहे तो बिहार पिछड़ेगा। उन्होंने कहा कि ज्ञान की वृद्धि होगी तो शौर्य भी बढ़ेगा। मगध के वैभव शैली विरासत को पुन: वापस लाना चाहते है तो मगध के प्राचीन चितन को आत्मसात करना होगा। युवाओ को बिहार के विकास व अतीत का मगध बनाने के लिए क्रिएटिव सोच को पैदा कर उसपर काम करना होगा।
आईजीएमएस पटना के डा. रत्नेश चौधरी ने कहा कि विरासत मिन्स हैरिटेज होता है। गौरवशाली अतीत उसकी सभ्यता व संस्कृति से आंकी जाती है। मगध की धरती ने कई लोक कला संस्कृति के साथ अपने पराक्रम के लिए जाने जाता है। यह ज्ञान की तपो स्थली रही है। इसकी सांझी विरासत की ख्याति अतिति काल से दूर दूर तक फैली थी। समारोह की अध्यक्षता पूर्व मुखिया व पैक्स अध्यक्ष जितेंद्र शर्मा ने की। इस समारोह को कमलेश शर्मा, संजय शर्मा, मनोज कुमार कमल, नचिकेता वत्स,रामाशीष दास ने सम्बोधित किया। आइजी विकास वैभव ने कर्मकांडी विद्वान पंडित प्रभाकर शर्मा शास्त्री द्वारा रचित व्रत विज्ञान तालिका का भी लोकार्पण किया।