जनभावनाओें का ख्याल रखते हुए गांधी मैदान में नहीं हो किसी प्रकार का निर्माण
अरवल संयुक्त गांधी मैदान संघर्ष समिति और जनप्रतिनिधियों के साथ जिला प्रशासन द्वारा गांधी मैदान में निर्माण कार्य को लेकर तीसरे दौर की बैठक बगैर सहमति के समाप्त हो गयी।
अरवल : संयुक्त गांधी मैदान संघर्ष समिति और जनप्रतिनिधियों के साथ जिला प्रशासन द्वारा गांधी मैदान में निर्माण कार्य को लेकर तीसरे दौर की बैठक बगैर सहमति के समाप्त हो गयी। जदयू अध्यक्ष मंजू वर्मा ने जिलाधिकारी से मांग किया कि जनभावनाओं का ख्याल करते हुए गांधी मैदान को मौजूदा हालात में ही रहने दिया जाए। हम किसी भी परिस्थिति में युवाओं के साथ हैं। जिला प्रशासन के गलत कार्यान्वयन के वजह से ही सरकार की बदनामी होती है। दीपक शर्मा ने कहा कि किसी की राजनैतिक पार्टी का कार्यक्रम के लिए सुरक्षा के दृष्टि से सबसे बढि़या एकमात्र गांधी मैदान को बर्बाद न करें। युवा कभी विकास विरोधी नही हो सकते हैं। इनके लिए अन्यत्र कोई जगह चयन कर स्टेडियम का निर्माण हो ताकि वहां भी विकास पहुंच सके। वहीं पीयूष ने कहा कि शहर की बढ़ती आबादी के बीच मैदान सिकुड़ता जा रहा है। मैदान में कोई भी निर्माण किसी भी दृष्टि से ठीक नही है। समिति के सदस्य संजीव कुमार ने कहा कि खेल-कूद के लिए एक अलग जगह चयन कर केवल खेल को समर्पित एक स्टेडियम बनाया जाए। अध्यक्ष कुंदन कुमार ने कहा कि गांधी मैदान बहुत ही व्यापक हैं और उन्हें किसी एक दायरे में नही समेटा जा सकता है। गांधी के मानने वालों को कभी प्रशासन और सरकार नही डरा सकती है। हम गांधी मैदान में निर्माण के नाम पर बस एक गांधी की आदमकद मूर्ति की मांग करते हैं। विनय प्रसाद ने कहा कि विधान पार्षद रामबली चंद्रवंसी ने गांधी मैदान को बचाने की लड़ाई में किसी भी प्रकार के कानूनी लड़ाई का खर्च भी वहन करने का समिति को प्रस्ताव दिया।