किसानों के बीच शारीरिक दूरी बनाने में प्रशासन के छुट रहे थे पसीने
प्रखंड मुख्यालय के करपी शेरपुर पथ में बस पड़ाव के निकट विस्कोमान कृषि सेवा केंद्र पर युरिया के लिए किसानों की भीड़ जुट रही है। किसानों के बीच शरीरिक दुरी का अनुपालन कराने में प्रशासन के पसीने छूट रहे 8ैं।
करपी अरवल
प्रखंड मुख्यालय के करपी शेरपुर पथ में बस पड़ाव के निकट विस्कोमान कृषि सेवा केंद्र के गोदाम के पास मंगलवार को दूसरे दिन भी कृषकों की भारी भीड़ लगी रही।पिछले दिन की तरह ही मंगलवार को भी इफको खाद के लिए देर रात से किसानों के द्वारा नबंर लगाते देखा गया।खाद की किल्लत से परेशान किसान आधार कार्ड लेकर आपस मे धक्का मुक्की करते देखे गए। खाद के लिए काफी संख्या में महिलाएं भी पहुंची थी।सुबह होते ही बडी संख्या में किसानों की भीड़ गोदाम के बाहर जुट चुकी थी।जहां शारीरिक दूरी एवं लॉकडाउन के सारे कायदे कानून ध्वस्त होते दिखाई दे रहे थे।निर्धारित समय 10 बजे से अधिक होने के बाद भी काउंटर नही खुलने पर लोगो का गुस्सा एवं शोरगुल से हंगामे की स्थिति भी उत्पन्न हो गई थी।प्रबंधक सोमवार के भीड़ की स्थिति देख प्रशासन के आने का इन्तेजार कर रहे थे।इधर 11 बजे प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रभाकर कुमार,थानाध्यक्ष पंकज कुमार एस आई देवकांत सिंह भारी पुलिस बल के साथ गोदाम पर उपस्थित होकर खाद का वितरण चालू कराया।बेकाबू होती भीड़ को नियंत्रण में करने के लिए प्रखंड विकास पदाधिकारी के द्वारा माइक से लगातार आवश्यक हिदायतें दी जा रही थी।बीडीओ के अलावे थानाध्यक्ष लोगों से शारीरिक दूरी बनाए रखते हुए कतार में खड़े होने की अपील कर रहे थे।वहीं भारी संख्या में लगी किसानों की भीड़ पर इसका कोई असर नही दिखाई दे रहा था।किसानों के गुस्से और विस्कोमान प्रबंधक के द्वारा वितरण की कुव्यवस्था के आगे प्रशासन की लाचारी झलक रही थी।आवश्यक शारीरिक दूरी की धज्जियां उड़ते देख प्रशासन भी कोई बड़ा कार्यवाही करने से बचता दिख रहा था।इधर बीच बीच मे किसानों के द्वारा शोरगुल ओर हंगामा भी किया जा रहा था। हर किसी को खाद की खरीद जल्दीबाजी था।भारी भीड़ ओर कुव्यवस्था के बीच कई गरीब किसान जिन्हें अन्य कार्य करने थे खाद न खरीद पाने की दर्द समेटे घर वापस जा रहे थे।इधर सबसे अधिक समस्या खाद लेने आई उन महिलाओं को हो रहा था,जो घर मे छोटे बच्चों को छोड़ खाद लेने दूर के गांव से प्रखंड मुख्यालय आई थी।एक महिला ने डबडबाई आंखों से अपनी दर्द बताते हुए कहा कि मेरे घर के एकमात्र पुरुष सदस्य मेरे पति लॉकडाउन के वजह से दूसरे राज्यो में फसे हुए है।घर गृहस्थी चलाने एवं भोजन के जुगाड़ में पट्टेदारी पर खेती लेकर धान रोपी हूं।लॉकडाउन के कारण पति भी प्रदेश में बेरोजगार किसी तरह गुजर बसर कर रहे हैं।इधर खेती के लिए ब्याज पर पैसे लेकर सस्ते खाद के लिए यहां आई हूं। यहां आये मुझे पांच घंटे से ज्यादा का समय बीत गया और खाद खरीदने की उम्मीद भी नही है।महिला ने किसी तरह खाद दिलाने की मिन्नत करने लगी।
इधर बरसात एवं नहर के खुदाई से पहले ही खस्ता हाल सड़क पर किसानों की साइकिल एवं मोटरसाइकिल लगने से दिनभर जाम की स्थिति बनी रही।जिसके कारण किसानों तथा एवं बड़े वाहन चालकों के बीच कहासुनी भी होते रही। कई बार तो हाथापाई की भी नौबत आ गई।सबसे अधिक परेशानी आसपास के दुकानदारों को उठानी पड़ी जहां भीड़ से दुकानदारी प्रभावित दिखा।
दो दिन से उमड़ रहे बेतहासा भीड़ ओर लोगों के द्वारा शारीरिक दूरी की उड़ाई जा रही धज्जियां को सोशल मीडिया पर खुब शेयर किया जा रहा है । इसे लेकर सोशल मीडिया पर स्थानीय प्रशासन की जमकर खिल्ली उड़ाई जा रही है। भीड़ में 90 प्रतिशत लोग बिना मास्क एवं गमछा के नजर आ रहे थे।प्रशासन के लोग भी लाचार दिख रही है। अगर इस भीड़ में एक दो पोजेटिव व्यक्ति आ गए होंगे तो आने वाले कुछ दिनों में प्रखंड क्षेत्र में इस लापरवाही का बहुत बड़ी किम्मत चुकानी पड़ेगी।