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केंद्रों पर हुआ पोशाक राशि का वितरण

करपी अरवल प्रखंड मुख्यालय स्थित पंचायत में गुरुवार को आंगनबाड़ी केंद्र में पढ़ने वाले बच्चों के लिए पोशाक राशि का वितरण किया गया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 23 Jun 2022 11:30 PM (IST)Updated: Thu, 23 Jun 2022 11:30 PM (IST)
केंद्रों पर हुआ पोशाक राशि का वितरण
केंद्रों पर हुआ पोशाक राशि का वितरण

करपी, अरवल : प्रखंड मुख्यालय स्थित पंचायत में गुरुवार को आंगनबाड़ी केंद्र में पढ़ने वाले बच्चों के लिए पोशाक राशि का वितरण किया गया। इस मौके पर उपस्थित पंचायत की मुखिया नीतू कुमारी ने सभी आंगनबाड़ी सेविका सहायिका से आग्रह किया कि नियमानुसार केंद्रों का संचालन करें। अभिभावकों से आग्रह किया कि इस राशि से निश्चित रूप से सभी अभिभावक अपने छोटे-छोटे बच्चों को ड्रेस सिलवा देंगे। जिससे कि प्रतिदिन बच्चे आंगनबाड़ी केंद्र पर ड्रेस पहनकर पढ़ने आए। महिला पर्यवेक्षिका सोनल कुमारी ने पंचायत के विभिन्न आंगनबाड़ी केंद्रों पर भ्रमण कर पोशाक राशि का वितरण कराया। उन्होंने बताई कि एक बच्चे को 400 उसके पोशाक के लिए दिए जा रहे हैं। केंद्रों का संचालन सरकार के निर्देशानुसार किया जा रहा है। सरकार के निर्देशानुसार बच्चों के लिए पोशाक राशि का वितरण कराया जा रहा है। आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोशाक वितरण के समय बच्चों के अभिभावक एवं सेविका तथा सहायक में उपस्थित थी।

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स्कूल का चापाकल महीनों से खराब, बच्चे परेशान: करपी प्रखण्ड क्षेत्र के उत्क्रमित मध्य विद्यालय दक्षिणवारी मठिया में चापाकल खराब होने से पेयजल की समस्या से छात्रों को जूझना पड़ रहा है। चापाकल खराब होने से मध्याह्न भोजन पर भी असर पड़ रहा है। विद्यालय प्रभारी संतोष कुमार ने बताया कि पिछले एक वर्ष से हाथी चापाकल से पानी के साथ बालू गिर रहा था। इसके चलते इस चापाकल के पानी का उपयोग केवल बर्तन धोने के लिए किया जाता था। कुछ माह से वह पानी भी बंद हो गया। पीने के पानी के लिए वर्ग कक्ष में लगे दूसरे चापाकल का उपयोग किया जाता है। हाथी चापाकल को ठीक करने के लिए मौखिक सूचना विभाग को पूर्व में ही दी गई थी। लेकिन अबतक उसे दुरुस्त नहीं किया गया। चापाकल को स्थानीय मिस्त्री से ठीक करवाने के लिए कहा गया था। लेकिन स्थानीय मिस्त्री ने यह कहते हुए चापाकल बनाने से मना कर दिया कि इसका कोई भी समान पीएचडी विभाग के पास ही उपलब्ध है। चापाकल को विभाग के ही मिस्त्री बना सकते हैं। विभाग के पदाधिकारियों से चापाकल को ठीक करवाने की मांग की गई है ताकि छात्रों की पेयजल समस्या दूर हो सके।


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