यूरिया खाद खरीदने की मजबूरी में संक्रमण को दावत दे हो रहे हैं किसान
खेतों में धान की रोपनी तो लगभग पूरी हो गई है। अब जरूरत है नियमित रूप से खाद का छिड़काव करने की। सरकार के दावे और वादे के विपरीत यूरिया खाद प्राप्त करने में आज भी किसानों को मशक्कत करना पड़ रहा है।
करपी अरवल : खेतों में धान की रोपनी तो लगभग पूरी हो गई है। अब जरूरत है नियमित रूप से खाद का छिड़काव करने की। सरकार के दावे और वादे के विपरीत यूरिया खाद प्राप्त करने में आज भी किसानों को मशक्कत करना पड़ रहा है। जैसे ही किसानों को इस बात की जानकारी मिली की बिस्कोमान द्वारा खाद का वितरण किया जा रहा है लोगों की भीड़ वहां लग गए। कोरोना वायरस को लेकर संचालित लॉकडाउन में संक्रमण के खतरे के बीच अपनी फसलों की बेहतर उपज की उम्मीद लेकर किसान खाद के लिए कतार में लग गए। लेकिन स्थानीय प्रशासन द्वारा आवश्यक शारीरिक दूरी बनाए रखने की दिशा में कोई पहल नहीं किए जाने से यहां बेहद खतरनाक स्थिति उत्पन्न हो रहा है। हालात यह है कि लोग एक दूसरे से चिपक कर कतार में खड़े हैं। उनको भी पता है कि इस समय एक दूसरे से सटने का मतलब है संक्रमण को अपने साथ ले जाने । लेकिन तत्काल मजबूरी उन लोगों को उर्वरक की प्राप्ति करने की है यदि उर्वरक समय पर खेतों में नहीं डाले गए तो मेहनत से लगाए गए धान के पौधे विकसित नहीं हो पाएंगे। शेरपुर पथ में विस्कोमान कृषि सेवा केंद में सोमवार के अहले सुबह से लोगों की भारी भीड़ देखी गई।यूरिया खाद के लिए बड़ी संख्या में किसानों की भीड़ अचानक विस्कोमान खाद गोदाम के पास एकत्र हो गई।रविवार के रात्रि दो बजे से ही विस्कोमान के पास किसानों का आना शुरू हो गया था,लोग पंक्ति में ही गमछा,प्लास्टिक बिछाकर अपना स्थान कब्जा किए हुए थे।जैसे जैसे सुबह की लालिमा बढ़ती गई किसानों का भीड़ बढ़ता गया।आठ बजते बजते हजारों की संख्या में किसान साइकिल एवं मोटरसाइकिल के साथ जमा होने लगे।बेतहाशा होता भीड़ वर्तमान में कोरोना के बढ़ते संक्रमण एवं लॉकडाउन की धज्जियां उड़ाता दिखाई दे रहा है।सुबह होते ही सोशल मीडिया के बहादुरों ने भीड़ की तस्वीर को फेसबुक,इंस्ट्राग्राम,ट्विर वाट्स एप पर पोस्ट करना शुरू कर दिया।हालांकि काफी देर बाद स्थानीय थाना के प्रशासन ने भीड़ वाले स्थल पर पहुंचकर लोगों को समझाने बुझाने की कोशिस करते देखे गए। एक किसान ने बताया कि सरकार किसानों को सरकारी रेट पर इफको खाद देने के लिए विस्कोमान को अधिकृत किया है। विस्कोमान प्रबंधक द्वारा सरकारी खाद को बिचौलियों के माध्यम से वितरण के पहले ही बेच दिया जाता है।और जानबूझकर भीड़ लगाकर किसानों को परेशान किया जाता है।परेशान किसान खाद के इंतजार करते- करते विवश होकर बाजार से खाद लेने को मजबूर हो जाते है।विस्कोमान में मिलने वाला इफको खाद रैक पॉइंट के भाड़े पर मिलता है,वही दुकान में माल ढुलाई एवं पौलदारी जोड़कर अधिक राशि मे खाद की बिक्री होती है।जिसके कारण किसानों को प्रति बैग 50 से 70 रुपये अधिक चुकाने पड़ता है।इधर सरकार द्वारा विस्कोमान से खाद उपलब्ध कराने के कारण खाद के फुटकर दुकानदारों के द्वारा इस वर्ष खाद का स्टॉक नही किया गया है।,जिसके प्रखण्ड क्षेत्र में खाद की किल्लत होने के पूरी संभावना है।खाद के कालाबाजारी के इस खेल में किसानों की हकमारी को स्थानीय प्रशासन कहां तक रोक पाती है यह तो आने वाला वक्त बताएगा।लेकिन वर्तमान में विस्कोमान के पास किसानों की बेतहाशा भीड़ कोरोना की भयावहता को ओर भी भयानक बनाने पर तुला है। स्थानीय किसानों ने विस्कोमान पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि विस्कोमान कर्मचारियों का व्यवहार ग्राहकों के प्रति बेहद खराब है जिसके कारण आए दिन नोक झोंक होना लाजमी होता है।एक तरफ विस्कोमान के पास कम जगह का होना ऊपर से गंदे पानी का जमाव बीमारियों के अन्य बीमारियों को भी दाबत दे रहा है ।