अरवल में आटो चालकों की चलती है मर्जी, खुद तय करते हैं रूट व किराया
संवाद सहयोगी कलेर अरवल। प्रखंड से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में आटो चालकों की मर्जी चलती है। यहां न तो ऑटो के लिए रूट निर्धारित है और ना ही परिवहन विभाग द्वारा भाड़ा तय किया गया है। रूट का निर्धारण नहीं होने से शहर की सड़कों से मोहल्ले की गलियों तक इनका साम्राज्य चलता है।
संवाद सहयोगी, कलेर, अरवल।
प्रखंड से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में आटो चालकों की मर्जी चलती है। यहां न तो ऑटो के लिए रूट निर्धारित है और ना ही परिवहन विभाग द्वारा भाड़ा तय किया गया है। रूट का निर्धारण नहीं होने से शहर की सड़कों से मोहल्ले की गलियों तक इनका साम्राज्य चलता है। सड़क कितनी भी व्यस्त हो सवारी चढ़ाने- उतारने के चक्कर में ट्रैफिक जाम कर ही देते हैं। परिवहन विभाग की सुस्ती का फायदा उठाते हुए अधिकांश ऑटो चालक अपनी मनमर्जी पर उतारू हैं। इनपर किसी तरह का कोई लगाम नहीं है। ऑटो चालकों में न तो ट्रैफिक पुलिस का भय है और नहीं विभागीय नियमों से कोई ताल्लुक है। जहां मन किया ब्रेक लगा दिया। पीछे की गाड़ियां हॉर्न बजाती रहे, जाम लगता रहे, इन पर कोई असर नहीं होता। टेम्पो चालक खुलेआम वाहन अधिनियम की धज्जियां उड़ा रहे हैं। नियमों को ताक पर रख सवारी बैठाए जाते हैं। तीन सीटर ऑटो पर आठ सवारी बैठाए जाते हैं। तीन सीट पर पांच लोगों को बैठाना, चालक के आजू-बाजू दो से तीन सवारी बैठाए जाते हैं। सवारी ज्यादा होने पर लोगों को लटकने को मजबूर भी कर देते हैं। किसी कारणवश यदि कभी बड़े वाहन नहीं चलें तो इनका मनमानी और ज्यादा हो जाती है। खासकर पर्व-त्योहार के मौके पर यह स्थिति ज्यादा देखने को मिलती है।
मनमाना किराया : भाड़ा भी टेम्पो चालक अपनी मर्जी से वसूलते हैं। सवारी और दूरी के हिसाब से किराया स्वयं तय करते हैं। किराया को लेकर यात्रियों से मारपीट तक की नौबत आ जाती है। मेहंदिया से कलेर के लिए दिन में कुछ तो रात में कुछ किराया वसूला जाता है। ऑटो चालकों का कहना है डीजल के बढ़ते दाम व महंगे हो रहे पार्ट्स के कारण भाड़ा बढ़ोतरी की जाती है।
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जल्द अभियान चलाकर की जाएगी कार्रवाई
जल्द अभियान चलाकर ऑटो चालकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। ट्रैफिक नियमों का सभी को पालन करना होगा। जो भी चालक इसका उल्लंघन करेंगे। उनके खिलाफ नियम संगत कार्रवाई होगी। मृत्युंजय कुमार, प्रभारी डीटीओ ,अरवल