10 को होगा वसंत ऋतु का आगाज
अरवल। इस बार 10 फरवरी रविवार को माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को वसंत ऋतु का आगाज होगा।
अरवल। इस बार 10 फरवरी रविवार को माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को वसंत ऋतु का आगाज होगा। बसंत पंचमी पर मां सरस्वती की आराधना के साथ ही विवाह का शुभ मुहूर्त भी होगा। इस बार की वसंत पंचमी इसलिए भी श्रेष्ठ है, क्योंकि तीन साल से ग्रहों और नक्षत्रों की चाल के चलते बसंत पंचमी पर वैवाहिक कार्य नहीं हो सका था। लेकिन इस बार कोई अड़चन नहीं है। ज्योतिषियों के अनुसार बसंत पंचमी पर वैवाहिक जीवन के लिए सर्वार्थ सिद्धि और रवि योग का संयोग बनेगा। रेवती नक्षत्र और गुरु चंद्रमा का नवम पंचम योग, मेष में स्वराशि का मंगल ओर ग्रहों के राजा सूर्य वार का संयोंग इस दिन की शुभता बढ़ाती है। विद्या आरंभ का महापर्व माघ शुक्ल पंचमी को ज्ञान और बुद्धि की देवी मां सरस्वती के प्राकट्य दिवस के रूप में बसंत पंचमी मनाई जाती है। इस दिन मां सरस्वती को पूजा कर फूल चढ़ाए जाते हैं। विद्यार्थी इस दिन किताब-कॉपी और पाठ्य सामग्री की भी पूजा करते हैं। कई स्थानों पर शिशुओं को पहला अक्षर लिखना सिखाने का कारण यह है कि इस दिन को विद्या आरंभ करने का शुभ माना है। बसंत पंचमी है अबूझ मुहूर्त ज्योतिषाचार्य ब्रज भूषण पाठक ने बताया कि बसंत पंचमी का दिन अबूझ मुहूर्त के तौर पर भी जाना जाता है। इस कारण नए कार्यों को शुरुआात के लिए यह दिन उत्तम माना जाता है। इस दिन मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा, घर की नींव, गृह प्रवेश, वाहन खरीदने, व्यापार शुरू करने आदि के लिए शुभ है। पूजा समिति के सदस्य लगे कोष संग्रह की तैयारी में सरस्वती पूजा का आयोजन विभिन्न गली मुहल्लों में छोटे-छोटे ग्रुपों के द्वारा किया जाता है। इस बार भी इसके आयोजन को लेकर तैयारी शुरू कर दी गई है। मुख्यालय में लगभग दो दर्जन से ज्यादा जगहों पर प्रतिमा स्थापित करने की तैयारी में छात्र व युवा जुट गए हैं। अभी से ही छात्र कोष संग्रह कर रहे हैं। प्रखंड में कई जगहों पर बड़े पैमाने पर प्रतिमा स्थापित कर पूजा-अर्चना की जाती है। बसंत पंचमी पर न करें पांच गलतियां
-बसंत पंचमी को काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए। इस दिन पीले वस्त्र धारण करना शुभ माना जाता है।
-बसंत पंचमी के दिन मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। संभव हो तो आज के दिन स्नान और पूजा के बाद सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए।
-बसंत पंचमी के दिन किसी से वाद-विवाद या क्रोध नहीं करना चाहिए। बसंत पंचमी पर कलह होने से पितृ को कष्ट पहुंचता है।
-बसंत पंचमी के दिन बिना नहाए कुछ भी नहीं खाना चाहिए। इस दिन नदी, सरोवर या पास के तालाब में स्नान करना चाहिए और मां सरस्वती की पूजा अराधना के बाद ही कुछ खाना चाहिए।
-बसंत पंचमी के दिन भूल से भी पेड़-पौधों की कटाई नहीं करनी चाहिए।