वट वृक्ष के संरक्षण से खुद को रख सकते हैं सुरक्षित
अररिया। वट वृक्ष काफी लाभकारी है। इसके कई गुण है। सभी लोगो को इसका संरक्षण करना चाहिए ताकि हम प्रकृति को और खुद को सुरक्षित रख सकें और आने वाली पीढि़यों को भी ये अनुपम उपहार दे सकें।
वट वृक्ष के संरक्षण से खुद को रख सकते हैं सुरक्षित
अररिया। वट वृक्ष काफी लाभकारी है। इसके कई गुण है। सभी लोगो को इसका संरक्षण करना चाहिए ताकि हम प्रकृति को और खुद को सुरक्षित रख सकें और आने वाली पीढि़यों को भी ये अनुपम उपहार दे सकें। यह बातें अररिया कॉलेज अररिया के पूर्व प्राचार्य डॉ. प्रो. रउफ ने कही। वे वटवृक्ष की महत्व पर अपने विचार साझा कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि आज कल जिस तरह से अनेक बीमारियों का दौर चल रहा है। ऐसे में हमारे प्रकृति का संतुलन बनाये रखना अति आवश्यक है। प्रकृति ने हमें वटवृक्ष के रूप में उपहार दिया है। इससे कई बीमारियों का इलाज होता है। आधुनिक विज्ञान के साथ आयुर्वेद और होम्योपैथी में भी इससे कई दवाई बनती है। हम खुद भी इसका प्रयोग कर कई बीमारियों से बच सकते है। पुराने जमाने में लोग इसका बहुत उपयोग करते थे। आज भी जानकर लोग इसका उपयोग करते है। वटवृक्ष का हर एक अंग लाभकारी है और असाध्य रोगों को ठीक करने की क्षमता रखता है। वट का वृक्ष तमाम रोगों के निवारण में काम आता है। पेट के विकार के साथ-साथ बरगद के पत्ते चेहरे की झाइयों को दूर करते हैं। वट वृक्ष का दूध आंखों के लिए लाभदायक हैं। फटी एड़ी में लगाने से लाभ मिलता है। यह औषधि का खजाना है। तिल के तेल के साथ ताजा बरगद के पत्तों का लेप फोड़े आदि संक्रमण से निजात में फायदा करता है, पत्तों को गर्म करके घावों पर लेप करने से घाव जल्दी सूख जाते हैं, पत्तियों का पेस्ट चेहरे पर होने वाले लाल चकत्तों से छुटकारा दिलाता है, पत्तियों को पीसकर तैयार लेप से मालिश करने पर खुजली आदि की समस्या दूर होती है, बरगद की जड़ों में सबसे अधिक मात्र में एंटी ऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं। चेहरे की झुर्रियों को दूर करने के लिए भी बरगद की जड़ों का प्रयोग होता है, इसके एंटीबैक्टीरियल और एस्टिजेंट गुण दातों और मसूड़ों संबंधी परेशानियों से राहत दिलाती है, बरगद की जड़ों को चबाने से मुंह की सफाई होती है और सासों की बदबू से भी निजात मिलती है। इसके दातून से पायरिया से भी बचा जा सकता है। बरगद की छाल में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले गुण होते हैं। इसका काढ़ा बनाकर पीने से इम्यूनिटी बढ़ती है साथ ही ये कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में भी कारगर है। इसके अलावा बरगद के पेड़ का दूधिया रस फटी एड़ियों को मुलायम बनाने के साथ ही दरारें भरने में भी कारगर है। वट वृक्ष के बारे में पढ़ा और सुना है यह औषधि का खजाना है। इसलिए हम सबो का कर्तव्य है कि हम इसके संरक्षण के लिए लगातार प्रयास करते रहें।