कहीं बच्चे होते कम तो कहीं जलावन के अभाव में नहीं बन रहा भोजन
-ग्रीष्मावकाश बाद पटरी पर नहीं लौट रहे विद्यालय बच्चों की उपस्थिति रहती है कम -प्राथमिक ि
-ग्रीष्मावकाश बाद पटरी पर नहीं लौट रहे विद्यालय, बच्चों की उपस्थिति रहती है कम
-प्राथमिक विद्यालय सीताराम मेहता टोला कल्याणपुर में 13 बच्चे थे उपस्थित
-प्राथमिक विद्यालय छिटही पलार में जलावन के अभाव में नहीं पक रहा भोजन
संवाद सूत्र, सरायगढ़ (सुपौल) : ग्रीष्मावकाश के बाद सरकारी विद्यालयों में पठन-पाठन शुरू हो चुका है। छुट्टी के दूसरे दिन विद्यालय का संचालन नौ बजे पूर्वाह्न से शुरू कराया गया। लंबी छुट्टी के बाद विद्यालय के खुलने और उसके समय में परिवर्तन होने पर सरकारी विद्यालयों में बनी स्थिति को देखने जागरण ने शुक्रवार को कुछ विद्यालयों का आन द स्पाट मुआयना किया। इस दौरान जो तथ्य सामने आए उसके मुताबिक कहना गलत नहीं होगा कि गर्मी छुट्टी के बाद विद्यालय पटरी पर नहीं लौट पाए हैं।
प्राथमिक विद्यालय सीताराम मेहता टोला कल्याणपुर में मात्र 13 बच्चे उपस्थित मिले। विद्यालय के प्रभारी प्रधान गुलरेज आलम, प्रतिनियोजित शिक्षिका रिकू कुमारी ने बताया कि वहां 80 छात्र-छात्राओं का नामांकन है लेकिन बैठने के लिए जगह नहीं होने के कारण छात्र-छात्रा नहीं आ रहे हैं। प्रधान ने कहा कि विद्यालय को मध्य विद्यालय कल्याणपुर में टैग कर दिया गया है लेकिन दूरी अधिक होने के कारण वहां बच्चे जाना नहीं चाहते हैं। उक्त विद्यालय में बीते दो दिनों से छात्र-छात्राओं को दोपहर का भोजन नहीं दिया गया था। प्राथमिक विद्यालय छिटही पलार वार्ड नंबर 5 में मात्र 30 बच्चे उपस्थित थे। वहां के सभी चार शिक्षक मौजूद मिले लेकिन बच्चों के लिए दोपहर का भोजन नहीं बन रहा था। प्रभारी प्रधान सुनील कुमार सिंह का कहना था कि जलावन के अभाव में दो दिनों से बच्चों को भोजन नहीं दिया जा रहा है। प्रधान की समस्या को लेकर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी रीता कुमारी से मोबाइल पर संपर्क किया। उन्होंने प्रधान को मध्याह्न भोजन चलाने का निर्देश दिया लेकिन प्रधान अपनी असमर्थता व्यक्त करते रहे।
-------------------------------------
गर्मी छुट्टी के बाद विद्यालय को पटरी पर लाने की जरूरत
इस दौरान यह समस्या सामने आई कि ग्रीष्मावकाश के बाद शिक्षकों को विद्यालय में पठन-पाठन कार्य को पटरी पर लाने की जरूरत है और इसके लिए उन्हें पोषक क्षेत्र में जाना होगा। शुक्रवार को विद्यालय खुलने के बाद कोई भी शिक्षक अपने पोषक क्षेत्र में नहीं गए हैं और छात्र छात्राओं को या तो विद्यालय खुलने की जानकारी नहीं है या फिर शिक्षकों की उदासीनता के चलते वह सब विद्यालय नहीं आ रहे हैं। यह भी तथ्य सामने आया कि अधिकतर विद्यालय में दोपहर का भोजन बंद रहता है जिस कारण बच्चे भूखे विद्यालय में रहना नहीं चाहते।
----------------------------
कोट-
बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने और विद्यालय में दोपहर का भोजन नियमित करने के लिए कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि विद्यालयों का औचक निरीक्षण शुरू कर दिया गया है और ऐसे में जहां भी गड़बड़ी मिलेगी संबंधित शिक्षक पर कार्रवाई होगी।
-रीता कुमारी
प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी