नवरात्रि में कुंवारी कन्या पूजन का होता है विशेष महत्व
अररिया। नवरात्रि में कुंवारी कन्या पूजन का विशेष महत्व माना गया है। क्योंकि ऐसी मान्यता है ि
अररिया। नवरात्रि में कुंवारी कन्या पूजन का विशेष महत्व माना गया है। क्योंकि ऐसी मान्यता है कि कुंमारी कन्या में भगवती का निवास होता है। व्रती महिलाएं कलशस्थापन के दिन से दशमी पर्यंत कन्या पूजन और कन्याभोज करती है। सर्वप्रथम कुंवारी को उनके घर जाकर न्योता दिया जाता है। वह जब आती है तो किसी पात्र में उनके पैर धुलाती हैं। किसी कपड़े से पैर पोंछकर उसे आसन पर बिठाया जाता है। और माथे पर कुमकुम लगायी जाती है। फिर उनसे पूछकर उनके रूचि के अनुरूप श्रद्धापूर्वक भोजन करायी जाती है। भोजन में हलवा,पूरी,खीर पकवान, दूध दही केला मिठाई होता है। भोजन कराने के बाद किसी पात्र में उनका हाथ धुलाया जाता। फिर आसन पर बिठाकर उनकी आरती की जाती है। वस्त्र, चुनरी और दक्षिणा देकर उन्हें प्रसन्न किया जाता है। उनके पैर छूकर श्रद्धापूर्वक प्रणाम किया जाता है। फिर उनके हाथ अपने सर पर रखकर कहती है कि हमें सुखी रहने का आशीर्वाद दो। व्रती महिलाओं की यह निष्ठा और बिश्वास फलदायी भी सिद्ध होती है।