फारबिसगंज में चुनाव दर चुनाव भाजपा के वोटों में होती रही बढ़ोत्तरी
अररिया। जिले के फारबिसगज विधानसभा क्षेत्र भाजपा के गढ़ में शुमार है। चुनाव दर चुनाव यहां
अररिया। जिले के फारबिसगज विधानसभा क्षेत्र भाजपा के गढ़ में शुमार है। चुनाव दर चुनाव यहां भाजपा के वोटों में बढ़ोतरी इस सच्चाई को साबित भी करता है। पिछले कई चुनावों से यहां भाजपा के वोटों में वृद्धि होने का सिलसिला लगातार आगे बढ़ता ही जा रहा है। कभी कांग्रेस के लिये अपराजय रहने वाला इस विधान सभा में उस समय के विधायक सरयू मिश्रा की तूती बोलती थी। अपने जीवन काल में लगातार सात टर्म कांग्रेस के विधायक पद पर आसीन रहे सरयू मिश्र जेपी के लहर में भी चुनाव नहीं हारे। मंत्री भी बने। विधायक रहते समय ही उनकी मृत्यु हुई। इसके बाद 1990 में हुए विधान सभा चुनाव में यहां से भाजपा का उदय हुआ। जब भाजपा के प्रत्याशी के रूप में मायानंद ठाकुर महज कम मत प्राप्त कर यहां से पार्टी का पहला विधायक बनने का सौभाग्य हासिल किया। उसके बाद फिर 1995 के चुनाव में जीत कर लगातार दूसरी बार भाजपा विधायक बने। 2000 के चुनाव में भाजपा के हाथ से यह सीट छीन गई। जाकिर अनवर बसपा के सिबल पर चुनाव जीते। इसके बाद फिर 2005 के चुनाव में भाजपा ने कई बार निर्दलीय चुनाव लड़ चुके लक्ष्मीनारायण मेहता को प्रत्याशी बनाया। जो 61354 से मत लाकर फिर यह खोई सीट भाजपा की झोली में डाल दी। इसके बाद महज कुछ माह बाद हुए उप चुनाव में भाजपा प्रत्याशी जीते तथा मतों में फिर बढ़ोतरी हुई। 2010 के चुनाव में भाजपा ने पदम पराग राय वेणु को प्रत्याशी बनाया।जो इस बढ़त को 70 हजार पर ले गये तथा लोजपा को हरा कर चुनाव जीते। फिर 2015 के चुनाव में सिटिग गेटिग के फर्मुले को दरकिनार कर बीजेपी ने विद्यासागर केशरी उर्फ मंचन केशरी को अपना उम्मीदवार बनाया। जिसे 85929 मत मिला। पिछले चुनाव की अपेक्षा बढ़त 15 हजार से अधिक हो गया। अबकी के चुनाव में भाजपा ने एक लाख से अधिक के आकड़े को छु कर बढ़त का सिलसिला जारी रखा।