चौथी बार आएंगे पीएम मोदी, रेल खंड आमान परिवर्तन, हवाई अड्डा निर्माण व बाढ़ की समस्या पर लोगों की टिकी आस
अररिया। विश्व स्तर पर अपनी प्रतिभा का दमखम दिखाने वाले आंचलिक कथाकार फणीश्वर नाथ रेणु की
अररिया। विश्व स्तर पर अपनी प्रतिभा का दमखम दिखाने वाले आंचलिक कथाकार फणीश्वर नाथ रेणु की धरती फारबिसगंज में हवाई फील्ड मैदान में आज भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनावी जनसभा को संबोधित करने वाले हैं। हालांकि पहले भी फारबिसगंज में तीन बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनावी सभा को संबोधित कर चुके हैं। लेकिन इस बार के चुनावी सभा से शहर के लोगों को प्रधानमंत्री से काफी उम्मीदें हैं। जहां यह चुनावी सभा बिहार के मुख्यमंत्री के लिए है तो वही फारबिसगंज के लोगों के लिए यह चुनावी सभा काफी मायने रखते हैं। यहां के लोगों को उम्मीद है कि पीएम मोदी इस चुनावी सभा के जरिए हवाई अड्डा निर्माण, फारबिसगंज सहरसा रेलखंड आमान परिवर्तन, कृषि आधारित कारखाने व बाढ़ की समस्या को लेकर शहर वासियों को सौगात देंगे। वर्ष 1962 में भारत चीन के युद्ध के समय निर्माण कराए गए इस हवाई अड्डा का इस बार कायाकल्प होगा। वर्षों से हवाई अड्डा एयरपोर्ट शुरू करने की मांग इस बार प्रधानमंत्री जरूर सुनेंगे और कुछ ऐसा घोषणा करेंगे जो शहर के लोगों के लिए एक सौगात लेकर आएगा। दरभंगा के तर्ज पर ही हवाई पट्टी का निर्माण होगा। जिससे देश विदेश में फारबिसगंज को पहचान मिलेगी। इनसेट
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सालों से निर्माणाधीन आमान परिवर्तन रेल परिचालन शुरु होने की आस -
पिछले 11 सालों से फारबिसगंज सहरसा रेलखंड पर रेल सेवा बंद है। रेल सुविधा की आस देख रहे लोगो को पीएम से रेल सुविधा शुरु होने की उम्मीद है। वर्ष 2008 में कुसहा त्रासदी के बाद रेल पटरी एवं कई पुल ध्वस्त हो गए जिसके बाद वर्ष 2012 में सरकार के द्वारा मेगाब्लाक लेने से रेल सेवा पूरी तरह बंद पड़ा हुआ है। वहीं बथनाहा से बीरपुर एवं पड़ोसी देश नेपाल के बिराटनगर तक रेल सेवा शुरु होने के आसार है। 373 करोड़ की लागत के इस परियोजना को रेल अधिकारियों के द्वारा रेल ट्रैक पर इंजन चालाकर ट्रायल भी किया जा चुका है। इनसेट
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रोजगार के लिए क्षेत्र में कृषि आधारित कारखानों की मांग -
फारबिसगंज विधानसभा क्षेत्र में उद्योग कारखाने नहीं होने के कारण बड़ी संख्या में लोग अन्य प्रदेशों में मजदूरी करने के लिए पलायन करते हैं। पीएम के आगमन से लोगों में बंद पड़े फैक्ट्री शुरु होने की उम्मीद है। वर्ष 2011 में भजनपुर बियाडा में स्थापित स्टार्च फैक्ट्री भजनपुर गोली कांड के बाद विवादों में घिरा रहा जो अब तक शुरू नहीं हो पाया है। एक समय फारबिसगंज क्षेत्र एक बड़ी क्यूट मंडी के रूप में जानी जाती थी। जिसके बाद वर्ष 1973 में स्व. संजय गांधी के द्वारा जुट मिल की आधारशिला रखी गयी थी। जिसका प्रशासनिक उदासीनता के कारण नामों निशान ही विलोपित हो गया है। इनसेट
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हर साल पूरब भाग के किसानों को रुलाती है बाढ़ की विभीषिका -
फारबिसगंज विधानसभा क्षेत्र में 32 पंचायत है। लेकिन प्रखंड के लगभग 20 पंचायत के किसानों को हर साल बाढ़ की विभीषिका रुलाती रहती है। बाढ़ के कारण जहां किसान आर्थिक रूप से कमजोर होते हैं। वही उनका बना बनाया आशियाना भी उजड़ जाता है। विधानसभा क्षेत्र में परमान नदी का प्रवेश भारत नेपाल सीमा जोगबनी से होता है। लेकिन समय पर बांध की मरम्मत, जल संग्रह एवं जल संरक्षण की सरकारी योजना नहीं होने के कारण विधानसभा क्षेत्र की आधी आबादी इसका प्रकोप झेलती रहती है। क्षेत्र की जनता को अब तक बाढ़ का स्थाई समाधान नहीं मिल सका है।