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जिले में दो दिन के भीतर खाद की समस्या होगी दूर : सांसद

जागरण संवाददाता अररिया सांसद प्रदीप कुमार सिंह ने सोमवार को बताया कि दो से तीन दिनों के

By JagranEdited By: Published: Mon, 29 Nov 2021 07:53 PM (IST)Updated: Mon, 29 Nov 2021 07:53 PM (IST)
जिले में दो दिन के भीतर खाद की समस्या होगी दूर : सांसद
जिले में दो दिन के भीतर खाद की समस्या होगी दूर : सांसद

जागरण संवाददाता, अररिया: सांसद प्रदीप कुमार सिंह ने सोमवार को बताया कि दो से तीन दिनों के भीतर जिले के किसानों की समस्या दूर हो जाएगी। पर्याप्त मात्रा में डीएपी, पोटास, यूरिया आदि खाद लाइसेंसी दुकानों में उपलब्ध हो जाएगा। उन्होंने कहा कि वे सोमवार को दिल्ली में भारत सरकार के स्वास्थ्य सह रसायन और उर्वरक मंत्री डा. मनसुख मांडविया से मिलकर जिले में हो रही खाद कि किल्लत के बारे में बात हुई है। उनसे यहां के किसानों की समस्याओं से अवगत कराया गया। बताया गया कि अररिया सहित सीमांचल के क्षेत्रों में बड़े पैमाने मक्का व गेहूं की खेती होती है। किसान खाद किल्लत से परेशान हैं। सांसद ने कहा कि मंत्री ने मामले को गंभीरता से लेते हुए स्पेशल आदेश जारी किया है। पूर्णिया रैक प्वाइंट के लिए 26 सौ मीट्रिक टन उर्वरक रवाना हो गया है। दो से तीन दिनों के भीतर किसानों को पर्याप्त मात्रा में डीएपी सहित अन्य खाद उपलब्ध हो जाएगी। सांसद ने कहा कि वर्तमान में अररिया में डीएपी व पोटाश खाद की कमी है, जिससे बड़े पैमानों पर किसानों डीएपी के लिए चितित हैं। यहां की मुख्य खेती मक्का, गेहूं व धान है। किसानों की परेशानियों को कम करने के लि हरसंभव प्रयास किया जा रहा है। किसानों की पीड़ा दूर कराई जाएगी। किसानों ने सांसद से लगाई गुहार जिले के किसानों ने पिछले दिनों सांसद के आवास पर अररिया सांसद प्रदीप कुमार सिंह से भेंट की और अपनी समस्याओं से अवगत कराया था। किसानों का कहना था कि डीएपी के किल्लत से उनका खेती चौपट हो रही है। मक्का व गेहूं की बोआई में डीएपी व पोटाश खाद का उपयोग जरूरी है। लेकिन क्षेत्रों में डीएपी नहीं मिल रही है। कहीं कहीं अधिक कीमतों पर चोरी छिपे बेची जा रही है। सांसद ने किसानों की समस्याओं को गंभीरता सुना और उर्वरक मंत्री से मोबाइल से बात की।

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डीएम व डीएओ को करनी होगी निगरानी सांसद श्री सिंह ने कहा कि उन्होंने जिले में खाद की व्यवस्था करवा दी है। अब जिले के डीएम व डीएओ की जिम्मेदारी है कि वे खाद की बिक्री सही ढंग से करवाएं। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक उदासीनता के कारण जिले में खाद की कमी हुई है। डीएम व डीएओ की पूरी जिम्मेदारी है वे खाद की बिक्री की निगरानी करें।


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