नेपाल सीमा में एक माह और बढ़ा लॉकडाउन
अररिया। कोरोना वायरस से बचाव के लिए बीते आठ महीने से सील भारत से लगने वाली नेपाल सीमा खो
अररिया। कोरोना वायरस से बचाव के लिए बीते आठ महीने से सील भारत से लगने वाली नेपाल सीमा खोलने की तिथि नेपाल सरकार के मंत्री परिषद द्वारा एक माह और बढ़ा दिया गया है। सीमा को सील रखने की तिथि अब 16 दिसंबर तक बढ़ा दिया गया है। जबकि भारत सरकार के द्वारा अपने सभी सील सीमा को खोल दिया है।लम्बे समय से सील सीमा को नेपाल के द्वारा नही खोले जाने को लेकर सीमावर्ती इलाके में रहने वाले स्थानीय नेपाली नागरिक अब नेपाल सरकार के विरुद्ध् आंदोलन पर उतारू है। स्थानीय नागरिकों का आरोप है कि
जिस देश में कोरोना वायरस कोविड 19 की उत्पत्ति हुई है उस देश के साथ लगी नाका को संचालन कर दिया गया है। लेकिन जिस देश के साथ बेटी रोटी का सम्बंध है उसके साथ दोहरी नीति क्यों जिससे लोगों में आक्रोश पनप रहा है । सीमा खुलवाने को लेकर गौर नाका पर लोगों का आंदोलन प्रारंभ हो गया है। जहां लोग धरना पर बैठे है । इस दौरान गौर के विधायक बाबूलाल साह ने कहा कि नेपाल सरकार की दोहरी नीति के शिकार मधेश में रहने वाले मधेशी, जनजाति, आदिवासी, दलित, मुस्लिम, अति विपन्न वर्ग के लोग परेशान हो रहे है। धरना पर बैठे मेयर अजय कुमार गुप्ता ने कहा कि भारतीय पक्ष के द्वारा नाका खुले हुए एक पखवाड़े से ज्यादा हो गया है। वहीं इसके उलट नेपाल पक्ष के द्वारा नाका में कड़ाई कर दी गई है। स्थानीय लोगों के बीच दैनिक उपभोग के सामान की सहज आपूर्ति नही हो रही बड़े बड़े मॉल में दोगुना दामों पर सामान बेची जा रही है ।महंगाई नियंत्रण के प्रति सरकार उदासीन है सरकार व्यापारी वर्ग के साठगांठ से नेपाल भारत के सीमा को सील कर रखा है। मेयर गुप्ता ने आरोप लगाया कि सरकार अपने जनता के प्रति गंभीर नही है। संघीय सरकार पौराणिक काल से कायम रहे नाता संबंध के प्रति आघात पहुंचाने का काम अप्रत्यक्ष रूप से कर रही है। जिसके विरुद्ध स्थानीय स्तर पर एकजुटता के साथ आवाज उठाया गया है।
लोकआस्था के पर्व भी फीका--
मधेसी समुदाय में धूमधाम के साथ मनाने जाने वाले लोक आस्था के महापर्व छठ में भी नेपाल सीमा नाका बन्द रखना तथा घाट स्थल को तालाबंदी कर बंद रखना स्थानीय जनता को दु:ख पहुचाने की नीयत सरकार की दिखती है ।युवा छात्र नेता प्रकाश भाई मधेशीय ने कहा कि जनता को सुविधा देने के बजाय दु:ख दे रही है । सीमा तुरंत खोलने का मांग किया है।
आठ महीने से बंद नेपाल सीमा को खुलवाने के लिए आंदोलित स्थानीय जनता के साथ नेपाल भारत सामाजिक संस्कृति मंच ,नेपाल भारत खुला सीमा संवाद समूह ने एक बाध्यता होकर समर्थन किया है । सांस्कृतिक मंच की सचिव निर्मला देव ने इस मुद्दे को नवम्बर महीने में होने वाले सचिव स्तरीय बैठक में राज्यदूतवास के माध्यम से सीमा को खोलने संबंधित बात रखेंगी वही नेपाल भारत खुला सीमा संवाद समूह के अध्यक्ष राजीव झा ने कहा है कि यह आंदोलन बेटी रोटी के रिश्ते का है इसके लिए साथ मिलकर नेपाल के भारत से लगी 27 •िाले में आंदोलन किया जाएगा।वही सीमांचल मैत्री संवाद समूह के अध्यक्ष गंगा प्रसाद यादव ने कहा कि जिला पदाधिकारी के मा़र्फत प्रधानमंत्री को पत्र लिखा भेजा गया है ।अगर सार्थक पहल नही होती है तो आंदोलन किया जाएगा।
मैत्री संवाद समूह की संजू साह ने कही की सीमा सील होने से पूर्व
सुरक्षा स्वास्थ्य मापदंड के साथ सीमा में आवागमन की जा रही थी। इसी तरीके से सीमा को खोला जा सकता है। क्योंकि नेपाल में सभी पर्यटन स्थल संचालन में है ।सीमा सील रहने के कारण दोनों देश के लोग धार्मिक यात्रा पर भी नही जा पा रहे है वही नेपाल के पर्यटन व्यवसाय पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।